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निर्भया मामला : दोषी विनय कुमार ने दाखिल की क्यूरेटिव पिटीशन

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Published : Jan 9, 2020, 11:56 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 12:18 PM IST

निर्भया के दोषियों ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. मामले में चार दोषियों को डेथ वारंट जारी किया जा चुका है. 22 जनवरी को उन्हें फांसी की सजा मिलेगी. विस्तार से पढ़े खबर.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : 2012 दिल्ली गैंगरेप और हत्या का मामला में दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है. बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप केस में सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था और उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दिए जाने का फैसला सुनाया था.

क्‍या है क्यूरेटिव पिटीशन
क्यूरेटिव पिटीशन उस समय दाखिल की जाती है, जब किसी दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है. ऐसे में क्यूरेटिव पिटीशन उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके माध्यम से वह अपने लिए सुनिश्चित की गई सजा के कम करने की गुहार लगा सकता है.

क्या था मामला
वर्ष 2012 में 16-17 दिसंबर की रात दक्षिणी दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार और उस पर बर्बर हमला किया था. इसके बाद उन्होंने उसे सड़क पर फेंक दिया था. लड़की की गंभीर हालत के चलते उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां 29 दिसंबर 2012 को उसने दम तोड़ दिया था.
इस लड़की को काल्पनिक नाम 'निर्भया' से जाना गया था.

शीर्ष अदालत ने नौ जुलाई 2018 को मामले के अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि दोषियों ने 2017 के निर्णय की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं दिया.

पढ़ें- निर्भया केस : दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी, 22 जन. को फांसी

दोषियों में से एक राम सिंह ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

मामले के दोषियों में एक नाबालिग भी था, जिसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था.

दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए मृत्युदंड को उच्चतम न्यायालय ने 2017 में अपने निर्णय में बरकरार रखा था.

नई दिल्ली : 2012 दिल्ली गैंगरेप और हत्या का मामला में दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है. बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया गैंगरेप केस में सभी चार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था और उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दिए जाने का फैसला सुनाया था.

क्‍या है क्यूरेटिव पिटीशन
क्यूरेटिव पिटीशन उस समय दाखिल की जाती है, जब किसी दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है. ऐसे में क्यूरेटिव पिटीशन उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके माध्यम से वह अपने लिए सुनिश्चित की गई सजा के कम करने की गुहार लगा सकता है.

क्या था मामला
वर्ष 2012 में 16-17 दिसंबर की रात दक्षिणी दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार और उस पर बर्बर हमला किया था. इसके बाद उन्होंने उसे सड़क पर फेंक दिया था. लड़की की गंभीर हालत के चलते उसे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां 29 दिसंबर 2012 को उसने दम तोड़ दिया था.
इस लड़की को काल्पनिक नाम 'निर्भया' से जाना गया था.

शीर्ष अदालत ने नौ जुलाई 2018 को मामले के अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि दोषियों ने 2017 के निर्णय की समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं दिया.

पढ़ें- निर्भया केस : दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी, 22 जन. को फांसी

दोषियों में से एक राम सिंह ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

मामले के दोषियों में एक नाबालिग भी था, जिसे तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था.

दोषियों को निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए मृत्युदंड को उच्चतम न्यायालय ने 2017 में अपने निर्णय में बरकरार रखा था.

Intro:Body:

2012 Delhi gangrape and murder case: One of the convicts, Vinay Kumar Sharma has filed a curative petition before the Supreme Court. A Delhi Court had issued a death warrant against all four convicts on January 7 and they are scheduled to be executed on January 22 at 7 am




Conclusion:
Last Updated : Jan 9, 2020, 12:18 PM IST
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