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एलएसी पर तनाव, शुक्रवार को होगी सैन्य स्तर की एक और बातचीत

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत चीन के बीच पैदा हुए तनाव को लेकर दोनों पक्षों ने कुछ नरमी बरती है. पिछले दिनों दोनों देशों की सेनाएं सीमा से पीछे हटने पर राजी हुई थीं. ताजा घटनाक्रम में भारत-चीन कूटनीतिक संपर्क का एक और दौर होने की बात सामने आई है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर परामर्श और समन्वय के लिए वर्किंग मैकेनिज्म कंसल्टेशन एंड कोआर्डिनेशन (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक शुक्रवार को होगी.

भारत-चीन सीमावर्ती मामले पर बैठक
भारत-चीन सीमावर्ती मामले पर बैठक
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Published : Jul 9, 2020, 12:25 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 12:53 PM IST

नई दिल्ली : भारत-चीन कूटनीतिक जुड़ाव को लेकर शुक्रवार को वर्चुअल बैठक होनी है. इसमें सीमावर्ती मामलों पर परामर्श और समन्वय को लेकर चर्चा की जाएगी. यह दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत का एक और दौर होगा.

भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के सैनिकों के बीच वापस लौटने की प्रक्रिया बुधवार को पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर पूरी हुई और चीनी सैनिक लगभग 2 किलोमीटर पीछे हट गए.

भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि शांति के लिए सीमा क्षेत्रों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों का पीछे हटना आवश्यक है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री और राज्य के काउंसलर वांग यी ने रविवार को इस मुद्दे को लेकर फोन पर बातचीत की थी, जिसमें वापस लौटने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने पर सहमति हुई थी.

उन्होंने फिर से पुष्टि की कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और निरीक्षण करना चाहिए और यथास्थिति में बदलाव करने के लिए एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. साथ ही भविष्य में ऐसी किसी भी घटना, जिससे शांति भंग हो सकती है, से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

पढ़ें :- डोभाल की चीनी विदेश मंत्री से सौहार्दपूर्ण बातचीत, भारत-चीन की सेनाएं एलएसी से पीछे हटीं

भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने उन स्थानों से अपने टेंट, वाहनों और सैनिकों को लगभग 2 किलोमीटर पीछे हटा दिया है, जहां कोर कमांडर स्तर की वार्ता में असहमति व्यक्त की गई थी.

भारतीय सैनिक भी दो किलोमीटर पीछे हट गए हैं. हालांकि, गलवान नदी क्षेत्र में गहराई वाले जगहों पर चीन के भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी मौजूद हैं. सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है.

नई दिल्ली : भारत-चीन कूटनीतिक जुड़ाव को लेकर शुक्रवार को वर्चुअल बैठक होनी है. इसमें सीमावर्ती मामलों पर परामर्श और समन्वय को लेकर चर्चा की जाएगी. यह दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत का एक और दौर होगा.

भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के सैनिकों के बीच वापस लौटने की प्रक्रिया बुधवार को पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर पूरी हुई और चीनी सैनिक लगभग 2 किलोमीटर पीछे हट गए.

भारत और चीन इस बात पर सहमत हुए हैं कि शांति के लिए सीमा क्षेत्रों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों का पीछे हटना आवश्यक है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री और राज्य के काउंसलर वांग यी ने रविवार को इस मुद्दे को लेकर फोन पर बातचीत की थी, जिसमें वापस लौटने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने पर सहमति हुई थी.

उन्होंने फिर से पुष्टि की कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और निरीक्षण करना चाहिए और यथास्थिति में बदलाव करने के लिए एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. साथ ही भविष्य में ऐसी किसी भी घटना, जिससे शांति भंग हो सकती है, से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

पढ़ें :- डोभाल की चीनी विदेश मंत्री से सौहार्दपूर्ण बातचीत, भारत-चीन की सेनाएं एलएसी से पीछे हटीं

भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने उन स्थानों से अपने टेंट, वाहनों और सैनिकों को लगभग 2 किलोमीटर पीछे हटा दिया है, जहां कोर कमांडर स्तर की वार्ता में असहमति व्यक्त की गई थी.

भारतीय सैनिक भी दो किलोमीटर पीछे हट गए हैं. हालांकि, गलवान नदी क्षेत्र में गहराई वाले जगहों पर चीन के भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी मौजूद हैं. सेना के सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है.

Last Updated : Jul 9, 2020, 12:53 PM IST
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