भुवनेश्वर : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक हुईै. बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के राज्य शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की अध्यक्षता की. इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित थे.
शाह बैठक में शामिल होने के लिए आज भुवनेश्वर पहुंचे. इस बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुईं. वो सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की मुखर आलोचक रही हैं.
हालांकि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के उनके समकक्ष नीतीश कुमार ने सीएए का समर्थन किया है, लेकिन दोनों ने ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह एनआरसी के खिलाफ हैं.
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पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 24 वीं बैठक
केंद्र और राज्यों के बीच स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक कल्याण से संबंधित मुद्दों पर विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 24 वीं बैठक शुक्रवार को भुवनेश्वर में आयोजित किया गया.
आयोजन के मेजबान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष हैं.
बैठक में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक कल्याण, भाषाई अल्पसंख्यकों, सीमा विवादों से संबंधित साझा हितों पर चर्चा की गई.
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में लगभग चार दर्जन मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की खबर है. जिसमें अंतर-राज्यीय जल मुद्दे, बिजली पारेषण लाइनें, कोयले पर रॉयल्टी, कोयला खदानों के संचालन, रेल परियोजनाओं के लिए भूमि और वन मंजूरी, देश की सीमाओं के पार पशु तस्करी, जघन्य अपराधों की जांच शामिल हैं.
वरिष्ठ स्तर के राजनीतिक नेतृत्व और अधिकारियों की भागीदारी से बैठक में आम सहमति से बड़ी संख्या में मुद्दों के हल होने की संभावना ैजताई गई.
प्रत्येक राज्य के मुख्यमंत्री के साथ परिषद के सदस्य के तौर पर दो कैबिनेट मंत्री और मुख्य सचिव तथा राज्यों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए.
केंद्र सरकार के सचिव, अतिरिक्त सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक अक्टूबर, 2018 में कोलकाता में आयोजित की गई थी.
वर्ष 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया गया था.
गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषद में से प्रत्येक के अध्यक्ष होते हैं. मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं, जिन्हें क्रमिक ढंग से चुना जाता है.
प्रत्येक राज्य के दो मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा सदस्य के रूप में नामित किया जाता है.
परिषद केंद्र और सदस्य-राज्यों और क्षेत्र के सदस्य राज्यों के मध्य के मुद्दों को उठाकर उनके बीच के विवादों और अड़चनों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करती है.