टोक्यो: मौजूदा विश्व चैम्पियन प्रमोद भगत और सुहास यथिराज शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक पुरुष एकल बैडमिंटन में अपने अपने वर्ग के फाइनल में पहुंच गए. लेकिन मनोज सरकार को एसएल3 सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा.
बता दें, दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन 33 साल के भगत ने एसएल3 क्लास में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21 . 11, 21 . 16 से हराया. इस साल पैरालंपिक में पहली बार बैडमिंटन खेला जा रहा है, लिहाजा स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाले भगत पहले भारतीय हो गए. उनका सामना ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से होगा.
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एसएल4 क्लास में नोएडा के जिलाधिकारी सुहास ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को 31 मिनट में 21 . 9, 21 . 15 से हराया. ऐसे में अब उनका सामना भारत के तरूण ढिल्लों और शीर्ष वरीयता प्राप्त फ्रांस के लुकास माजूर के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा. वहीं मनोज को दूसरी वरीयता प्राप्त बेथेल ने 21 . 8, 21 . 10 से हराया. मनोज अब कांस्य पदक के लिए फुजीहारा से खेलेंगे.
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इस क्लासीफिकेशन में आधा कोर्ट की इस्तेमाल होता है तो भगत और फुजीहारा ने लंबी रेलियां लगाई. शुरुआत में भगत 2 . 4 से पीछे थे, लेकिन ब्रेक तक 11 . 8 से बढ़त बना ली. उसके बाद इस लय को कायम रखते हुए लगातार छह अंक के साथ पहला गेम जीता. दूसरे गेम में उन्होंने विरोधी को कोई मौका ही नहीं दिया. भगत और पलक कोहली मिश्रित युगल एसएल3 . एसयू5 सेमीफाइनल भी खेलेंगे.
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मैच के बाद भगत ने कहा, यह शानदार मैच था. उसने मुझे कुछ अच्छे शॉट्स लगाने के लिए प्रेरित किया. मुझे फाइनल में पहुंचने की खुशी है, लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है. पांच साल की उम्र में पोलियो के कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था. उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते हैं. साल 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक रजत और एक कांस्य जीता है.