नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को केंद्र सरकार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह की मौत की सजा को कम करने के संबंध में 30 अप्रैल तक फैसला लेने को निर्देश दिया और मामले को 2 मई, 2022 को फिर से सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया. जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ बलवंत सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
बेअंत सिंह हत्याकांड में मौत की सजा पाए बलवंत सिंह ने लगभग दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि गृह मंत्रालय ने उन्हें दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने का फैसला किया है, लेकिन अभी तक राष्ट्रपति की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. अदालत ने कहा कि अब तक इस मामले में कुछ नहीं किया गया है और सरकार तथा सीबीआई को इस पर विचार करना चाहिए और तदनुसार अदालत को सूचित करना चाहिए. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सीबीआई दो हफ्ते में मौत की सजा कम करने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराए और केंद्र सरकार को आपत्तियां मिलने के दो हफ्ते के अंदर फैसला लेना चाहिए.
उच्चतम अदालत ने आदेश दिया, 'इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट और उसके संदर्भ में निर्णय को 30 अप्रैल, 2022 को या उससे पहले रिकॉर्ड में रखा जाएगा, जिसमें विफल रहने पर संबंधित सचिव (गृह मंत्रालय) और निदेशक अभियोजन (केंद्रीय जांच ब्यूरो) अगली सुनवाई पर अदालत में संबंधित रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों.' बता दें, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोप में पिछले 26 साल से जेल में बंद बलवंत सिंह ने 2012 में राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की थी, लेकिन गृह मंत्रालय के मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले के बावजूद अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
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