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बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध मजबूत होते रहे हैं: पूर्व राजदूत

पूर्व राजदूत अचल मल्होत्रा(Former Ambassador Achal Malhotra ) ने ईटीवी भारत को बताया कि बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसके साथ भारत के संबंध मजबूत होते रहे हैं. वहीं, चीन भारत के इस गढ़ में सेंध लगाने की हर संभव कोशिश कर रहा है.

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Published : Dec 14, 2021, 9:49 AM IST

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बांग्लादेश के साथ भारत के संबंध मजबूत होते रहे हैं: पूर्व राजदूत

नई दिल्ली: विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला(Foreign Secretary Harsh V Shringla ) के बांग्लादेश दौरे के बाद, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind ) बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 15 से 17 दिसंबर तक बांग्लादेश की राजकीय यात्रा पर जाने वाले हैं.

यात्रा के महत्व पर बोलते हुए, पूर्व राजदूत अचल मल्होत्रा(Former Ambassador Achal Malhotra ) ने ईटीवी भारत को बताया कि जब से भारत ने 'पड़ोस पहले नीति' को अपनाया है, विभिन्न पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया अलग रही है लेकिन बांग्लादेश ने भारत के प्रति अपने वर्तमान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संवेदनशीलता की एक बड़ी भावना दिखाई है.

बंगलादेश एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे संबंध 'उन्नति' पर रहे हैं. वहीं, चीन भारत के इस गढ़ में सेंध लगाने की हर संभव कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसलिए भारत को इस संबंध को बनाए रखने की जरूरत है और इसे किसी भी परिस्थिति में टूटने नहीं देना चाहिए.

विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि राष्ट्रपति कोविंद की यह विशेष यात्रा बांग्लादेश की मुक्ति की 50 वीं वर्षगांठ की पृष्ठभूमि में है और भारत ने उस दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे बांग्लादेश के नेताओं ने सार्वजनिक और खुले तौर पर स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, 'इसलिए विचार आदान-प्रदान के प्रवाह को स्थिर रखने और बांग्लादेश के साथ संबंधों को यथासंभव मजबूत बनाये रखना चाहिए.'

ये भी पढ़ें- राज्य सभा में रंजन गोगोई के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर ढाका दौरे पर जाएंगे. इस अवसर पर राष्ट्रपति की आगामी यात्रा उच्च प्राथमिकता का प्रतिबिंब है जिसे दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों से जोड़ते हैं.

नई दिल्ली: विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला(Foreign Secretary Harsh V Shringla ) के बांग्लादेश दौरे के बाद, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind ) बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 15 से 17 दिसंबर तक बांग्लादेश की राजकीय यात्रा पर जाने वाले हैं.

यात्रा के महत्व पर बोलते हुए, पूर्व राजदूत अचल मल्होत्रा(Former Ambassador Achal Malhotra ) ने ईटीवी भारत को बताया कि जब से भारत ने 'पड़ोस पहले नीति' को अपनाया है, विभिन्न पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया अलग रही है लेकिन बांग्लादेश ने भारत के प्रति अपने वर्तमान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संवेदनशीलता की एक बड़ी भावना दिखाई है.

बंगलादेश एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे संबंध 'उन्नति' पर रहे हैं. वहीं, चीन भारत के इस गढ़ में सेंध लगाने की हर संभव कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसलिए भारत को इस संबंध को बनाए रखने की जरूरत है और इसे किसी भी परिस्थिति में टूटने नहीं देना चाहिए.

विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि राष्ट्रपति कोविंद की यह विशेष यात्रा बांग्लादेश की मुक्ति की 50 वीं वर्षगांठ की पृष्ठभूमि में है और भारत ने उस दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे बांग्लादेश के नेताओं ने सार्वजनिक और खुले तौर पर स्वीकार किया है. उन्होंने कहा, 'इसलिए विचार आदान-प्रदान के प्रवाह को स्थिर रखने और बांग्लादेश के साथ संबंधों को यथासंभव मजबूत बनाये रखना चाहिए.'

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राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर ढाका दौरे पर जाएंगे. इस अवसर पर राष्ट्रपति की आगामी यात्रा उच्च प्राथमिकता का प्रतिबिंब है जिसे दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों से जोड़ते हैं.

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