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Bandi Singh : सिख कैदी गुरदीप सिंह खेड़ा दो महीने के पेरोल पर रिहा

आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (टाडा) रोकथाम अधिनियम के तहत केस दर्ज होने के बाद नई दिल्ली और कर्नाटक के बीदर में 1996 में दर्ज दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

Bandi Singh
सिख कैदी गुरदीप सिंह खेड़ा
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Published : Feb 11, 2023, 11:21 AM IST

Updated : Feb 11, 2023, 11:58 AM IST

अमृतसर : पिछले कुछ दिनों से पंजाब में 'बंदी सिंह' या सिख कैदियों की रिहाई की मांग एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था. राजनीतिक दल समेत कई संगठन जेल की सजा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद आठ सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे थे. उनमें एक थे गुरदीप सिंह खेड़ा, जो जेल में 31 साल पूरे कर चुके हैं. आज उन्हें दो महीने के पेरोल पर रिहा किया गया है.

इनके अलावा देविंदर पाल सिंह भुल्लर, लखविंदर सिंह और गुरमीत सिंह और शमशेर सिंह और बलवंत सिंह राजोआना, जिन्होंने 26 साल पूरे कर लिए हैं. जगतार सिंह हवारा, जिनकी जेल की सजा के 25 साल पूरे हो चुके हैं. और परमजीत सिंह भेवरा, जो जेल में 23 साल पूरे कर चुके हैं. कई दल खास तौर से कौमी इंसाफ मोर्चा इनकी रिहाई की मांग कर रहा है. अमृतसर के जल्लूपुर खैरा गांव के मूल निवासी 55 वर्षीय खेड़ा पर आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (टाडा) रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

पढ़ें : 60th National Conference of the Indian Association of Physiotherapists : पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, बोले- फिजियोथेरेपिस्ट्स सिम्बल ऑफ हॉप

बाद में नई दिल्ली और कर्नाटक के बीदर में 1996 में दर्ज दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के मोहाली में सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे कौमी इंसाफ मोर्चा के सदस्यों को चंड़ीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आधिकारिक आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की थी जिसे पुलिस ने उन्हें रोक दिया था.

अधिकारियों ने बताया कि करीब 31 प्रदर्शनकारी सेक्टर 52-53 के मार्ग में बीचोंबीच बैठ गए, क्योंकि उन्हें चंडीगढ़ की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी. इंदरबीर सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने लगभग दो घंटे तक कीर्तन गाए और फिर वहां से चले गए. वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए मान से मिलना चाहते थे. मोर्चा के 31 सदस्यों को गुरुवार को भी चंडीगढ़ की ओर नहीं जाने दिया गया था.

पढ़ें : Passing Out Parade Of IPS Batch : आईपीएस बैच की पासिंग आउट परेड में शामिल हुए अमित शाह

अमृतसर : पिछले कुछ दिनों से पंजाब में 'बंदी सिंह' या सिख कैदियों की रिहाई की मांग एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था. राजनीतिक दल समेत कई संगठन जेल की सजा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद आठ सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे थे. उनमें एक थे गुरदीप सिंह खेड़ा, जो जेल में 31 साल पूरे कर चुके हैं. आज उन्हें दो महीने के पेरोल पर रिहा किया गया है.

इनके अलावा देविंदर पाल सिंह भुल्लर, लखविंदर सिंह और गुरमीत सिंह और शमशेर सिंह और बलवंत सिंह राजोआना, जिन्होंने 26 साल पूरे कर लिए हैं. जगतार सिंह हवारा, जिनकी जेल की सजा के 25 साल पूरे हो चुके हैं. और परमजीत सिंह भेवरा, जो जेल में 23 साल पूरे कर चुके हैं. कई दल खास तौर से कौमी इंसाफ मोर्चा इनकी रिहाई की मांग कर रहा है. अमृतसर के जल्लूपुर खैरा गांव के मूल निवासी 55 वर्षीय खेड़ा पर आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (टाडा) रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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बाद में नई दिल्ली और कर्नाटक के बीदर में 1996 में दर्ज दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के मोहाली में सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे कौमी इंसाफ मोर्चा के सदस्यों को चंड़ीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आधिकारिक आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की थी जिसे पुलिस ने उन्हें रोक दिया था.

अधिकारियों ने बताया कि करीब 31 प्रदर्शनकारी सेक्टर 52-53 के मार्ग में बीचोंबीच बैठ गए, क्योंकि उन्हें चंडीगढ़ की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी. इंदरबीर सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने लगभग दो घंटे तक कीर्तन गाए और फिर वहां से चले गए. वे अपनी मांगों को मनवाने के लिए मान से मिलना चाहते थे. मोर्चा के 31 सदस्यों को गुरुवार को भी चंडीगढ़ की ओर नहीं जाने दिया गया था.

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Last Updated : Feb 11, 2023, 11:58 AM IST
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