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Azam Khan Bail: जब भी जमानत मिलती है तो फिर क्यों भेजा जाता है जेल, यूपी सरकार दे जवाब: SC

जमीन हड़पने के मामले में अपनी जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की ओर से दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

Azam Khan
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Published : May 11, 2022, 4:37 PM IST

Updated : May 11, 2022, 5:31 PM IST

नई दिल्ली: आजम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने राज्य सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और कहा कि इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

पीठ ने कहा कि यह क्या है? उन्हें जाने क्यों नहीं दिया गया. वह दो साल से जेल में बंद हैं. एक या दो मामलों में ठीक है लेकिन यह 89 मामलों में नहीं हो सकता है. जब भी उन्हें जमानत मिलती है तो उनको फिर से किसी और प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है. आप (सरकार) जवाब दाखिल करें. हम मंगलवार को सुनवाई करेंगे. खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक चिंताजनक मामला है जिस पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है.

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि गलत धारणा बनाई जा रही है. खान के खिलाफ दर्ज प्रत्येक मामले में कुछ न कुछ सार है. सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह न्याय का मजाक है. पीठ ने कहा था कि वह (खान) इतने लंबे समय से एक को छोड़कर सभी मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई है. यह न्याय का मजाक है, हम और कुछ नहीं कहेंगे. खान की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को बताया था कि दिल्ली की एक अदालत ने जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परियोजना के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के प्रकरण में खान की जमानत अर्जी पर पांच मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. उल्लेखनीय है कि आजम खान और अन्य लोगों पर कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और सैकड़ों करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए रामपुर के आजम नगर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201, 409, 447, 420, 467, 468, 471 के साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी.

यह भी पढ़ें- आजम खान को फिलहाल अभी कुछ दिन और बिताने होंगे जेल में

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देश के बंटवारे के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नाम का व्यक्ति पाकिस्तान चला गया और उसकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के तौर पर दर्ज की गई. लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर 13.842 हेक्टेयर जमीन हड़प ली. आजम फिलहाल कई मामलों के संबंध में सीतापुर जेल में बंद हैं.

नई दिल्ली: आजम खान की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने राज्य सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और कहा कि इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

पीठ ने कहा कि यह क्या है? उन्हें जाने क्यों नहीं दिया गया. वह दो साल से जेल में बंद हैं. एक या दो मामलों में ठीक है लेकिन यह 89 मामलों में नहीं हो सकता है. जब भी उन्हें जमानत मिलती है तो उनको फिर से किसी और प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है. आप (सरकार) जवाब दाखिल करें. हम मंगलवार को सुनवाई करेंगे. खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक चिंताजनक मामला है जिस पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है.

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि गलत धारणा बनाई जा रही है. खान के खिलाफ दर्ज प्रत्येक मामले में कुछ न कुछ सार है. सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह न्याय का मजाक है. पीठ ने कहा था कि वह (खान) इतने लंबे समय से एक को छोड़कर सभी मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई है. यह न्याय का मजाक है, हम और कुछ नहीं कहेंगे. खान की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को बताया था कि दिल्ली की एक अदालत ने जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परियोजना के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के प्रकरण में खान की जमानत अर्जी पर पांच मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. उल्लेखनीय है कि आजम खान और अन्य लोगों पर कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और सैकड़ों करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए रामपुर के आजम नगर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201, 409, 447, 420, 467, 468, 471 के साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी.

यह भी पढ़ें- आजम खान को फिलहाल अभी कुछ दिन और बिताने होंगे जेल में

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देश के बंटवारे के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नाम का व्यक्ति पाकिस्तान चला गया और उसकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के तौर पर दर्ज की गई. लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर 13.842 हेक्टेयर जमीन हड़प ली. आजम फिलहाल कई मामलों के संबंध में सीतापुर जेल में बंद हैं.

Last Updated : May 11, 2022, 5:31 PM IST
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