मथुरा: बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री बुधवार को वृंदावन पहुंचे. यहां उन्होंने पहले साधु संतों का चरण वंदन किया. इसके बाद ब्रज में मदिरा की बिक्री को बंद कराने की वकालत की. कहा कि मथुरा में मदिरा बंद होनी चाहिए. क्योंकि, यह भगवान श्री कृष्ण की नगरी है. इसके बाद उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा, मैं कीड़े-मकोड़े के बयान पर कुछ नहीं बोलता.
साधु-संतों का किया सम्मानः ऋषि पंचमी के अवसर पर वृंदावन के मलूक पीठ आश्रम में साधु संतों द्वारा सप्त ऋषि पंचमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इसी कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे थे. देश के कोने-कोने से आए साधु संतों का यहां सम्मान किया गया. इस दौरान बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह देश सनातन धर्म के लोगों का है और अब भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता. साधु संतों के सानिध्य में ही देश उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है.
मथुरा में पूर्णता बंद होनी चाहिए मांस-मदिराः बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री ने इस दौरान संत राजेंद्र दास, नृत्य गोपाल दास महाराज से आशीर्वाद लिया. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि ब्रजभूमि भगवान श्री कृष्ण की भूमि है. यहां पर मदिरा की बिक्री बंद होनी चाहिए. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रज के कई स्थान को धार्मिक स्थल के रूप में घोषित कर दिया है. यहां पर मांस की बिक्री पूर्णता बंद होनी चाहिए.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर किया पलटवारः सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन धर्म और हिंदू धर्म पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि हिंदू का फारसी भाषा में अर्थ है चोर और नीच. धीरेंद्र शास्त्री ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कहा, मैं कीड़े मकोड़े के मुंह नहीं लगना चाहता. सनातन धर्म कभी खत्म नहीं हुआ, न होगा और ना ही कोई कर सकेगा.
कार्यक्रम में ये संत रहे उपस्थितः मलूक पीठ गोशाला कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महाराज, हरिद्वार महामंडलेश्वर युगपुरुष परमानंद गिरि महाराज, बरसाना संत पदम श्री रमेश बाबा, गोरी लाल कुंज श्री धाम वृंदावन के संत किशोर दास देव, राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या कोषाध्यक्ष न्यासी राष्ट्रीय संत देव मूर्ति स्वामी, गोविंद देवगिरी महाराज ,राधावल्लभ निर्मोही अखाड़ा श्री हित रस मंडल वृंदावन लाडली शरण महाराज और मलूक पीठ कर राजेंद्र दास महाराज उपस्थित रहे.