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भगवान राम के लिए कंबोडिया से अयोध्या आई हल्दी, जोधपुर से पहुंचा 600 किलो गाय का घी

Ayodhya Ram Temple : भगवान राम के लिए राजस्थान के जोधपुर से 600 किलो गाय का शुद्ध देसी घी (गोघृत) बैलगाड़ी से अयोध्या पहुंचा है. इसके साथ ही थाईलैंड की अयोध्या के राजा राम ने रज भेजा है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 7, 2023, 12:28 PM IST

अयोध्या: भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रस्तावित है. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में चर्चा है. इस आयोजन में अपनी सहभागिता के लिए अलग-अलग राज्यों और देश से भगवान राम के प्रति समर्पण अयोध्या पहुंच रहा है. इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर से 600 किलो गाय का शुद्ध देसी घी (गोघृत) बैलगाड़ी से गुरुवार की सुबह रामनगरी अयोध्या पहुंचा.

Ayodhya Ram Temple
जोधपुर से भगवान राम के लिए बैलगाड़ी में गाय का घी आया.

कार सेवक पुरम पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने आरती उतार कर बैलगाड़ियों से आए गाय के घी का स्वागत किया. यह गोघृत पदयात्रा श्री महर्षि सांदीपनि राम धाम गोशाला जोधपुर राजस्थान से 27 नवंबर को चली थी जो अनवरत बैलगाड़ी से यात्रा करते हुए अयोध्या पहुंची है.

यात्रा का स्वागत करने में भावुक हुए चंपत रायः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिन संत महापुरुष के संकल्प से यह को घृत अयोध्या पहुंचा है, उनके प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. हम जोधपुर की धरती को प्रणाम करते हैं. दो नवंबर 1990 को दिगंबर अखाड़ा के सामने जब गोली चली थी, उसमें दो लोग शहीद हुए थे, जिनमें प्रोफेसर महेंद्र अरोड़ा जोधपुर के थे और उनके साथ एक छोटा सा बालक था जो जोधपुर के मथानिया गांव का रहने वाला था. उसका नाम सेठाराम माली था. आज वहीं से यह गोघृत आया है. शायद उनकी आत्माओं ने यह प्रेरणा दी होगी, ये कहते हुए चंपत राय का गला भर आया और उसके आगे वह एक शब्द भी नहीं बोल सके.

  • प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की तरह एक और आयोध्या थाइलैंड में भी बसती है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘अयुत्थया' कहते हैं। वहाँ से आयी पावन रज को पूज्य गोविंद देव गिरी जी महाराज ने मुझे सौंपा। pic.twitter.com/hNwMQsdxyK

    — Champat Rai (@ChampatRaiVHP) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

थाईलैंड की अयोध्या के राजा ने भेजी रजः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र राष्ट्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि गाय का घी हमारे धर्म संप्रदाय में बहुत पवित्र माना जाता है. हमारा प्रयास होगा कि इस घी से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में यज्ञ हवन आदि संपन्न करें. गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के लिए जब हम बैंकॉक गए थे, हमने देखा कि थाईलैंड की भूमि पर एक अयोध्या बसी है.

भगवान रामलला की सेवा के लिए कंबोडिया से आई हल्दीः उस थाईलैंड की अयोध्या को राजधानी कहते हैं. वहां के राजा को राम कहते हैं. थाईलैंड की अयोध्या के राजा राम ने वहां की रज अयोध्या के लिए भेजी है. प्राण प्रतिष्ठा के कार्य में उसका उपयोग किया जाए, उनका आग्रह है. वह रज अयोध्या आई है. इसके अलावा कंबोडिया से हल्दी भेजी गई है. भगवान श्री राम की सेवा के लिए वह हमने प्राप्त कर ली है. यह बेहद शुभ लक्षण है कि भगवान राम की सेवा में पूरे विश्व से लोग सहयोग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली समेत इन हस्तियों को मिला राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण

अयोध्या: भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्रस्तावित है. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में चर्चा है. इस आयोजन में अपनी सहभागिता के लिए अलग-अलग राज्यों और देश से भगवान राम के प्रति समर्पण अयोध्या पहुंच रहा है. इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर से 600 किलो गाय का शुद्ध देसी घी (गोघृत) बैलगाड़ी से गुरुवार की सुबह रामनगरी अयोध्या पहुंचा.

Ayodhya Ram Temple
जोधपुर से भगवान राम के लिए बैलगाड़ी में गाय का घी आया.

कार सेवक पुरम पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने आरती उतार कर बैलगाड़ियों से आए गाय के घी का स्वागत किया. यह गोघृत पदयात्रा श्री महर्षि सांदीपनि राम धाम गोशाला जोधपुर राजस्थान से 27 नवंबर को चली थी जो अनवरत बैलगाड़ी से यात्रा करते हुए अयोध्या पहुंची है.

यात्रा का स्वागत करने में भावुक हुए चंपत रायः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जिन संत महापुरुष के संकल्प से यह को घृत अयोध्या पहुंचा है, उनके प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. हम जोधपुर की धरती को प्रणाम करते हैं. दो नवंबर 1990 को दिगंबर अखाड़ा के सामने जब गोली चली थी, उसमें दो लोग शहीद हुए थे, जिनमें प्रोफेसर महेंद्र अरोड़ा जोधपुर के थे और उनके साथ एक छोटा सा बालक था जो जोधपुर के मथानिया गांव का रहने वाला था. उसका नाम सेठाराम माली था. आज वहीं से यह गोघृत आया है. शायद उनकी आत्माओं ने यह प्रेरणा दी होगी, ये कहते हुए चंपत राय का गला भर आया और उसके आगे वह एक शब्द भी नहीं बोल सके.

  • प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की तरह एक और आयोध्या थाइलैंड में भी बसती है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘अयुत्थया' कहते हैं। वहाँ से आयी पावन रज को पूज्य गोविंद देव गिरी जी महाराज ने मुझे सौंपा। pic.twitter.com/hNwMQsdxyK

    — Champat Rai (@ChampatRaiVHP) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

थाईलैंड की अयोध्या के राजा ने भेजी रजः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र राष्ट्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि गाय का घी हमारे धर्म संप्रदाय में बहुत पवित्र माना जाता है. हमारा प्रयास होगा कि इस घी से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में यज्ञ हवन आदि संपन्न करें. गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के लिए जब हम बैंकॉक गए थे, हमने देखा कि थाईलैंड की भूमि पर एक अयोध्या बसी है.

भगवान रामलला की सेवा के लिए कंबोडिया से आई हल्दीः उस थाईलैंड की अयोध्या को राजधानी कहते हैं. वहां के राजा को राम कहते हैं. थाईलैंड की अयोध्या के राजा राम ने वहां की रज अयोध्या के लिए भेजी है. प्राण प्रतिष्ठा के कार्य में उसका उपयोग किया जाए, उनका आग्रह है. वह रज अयोध्या आई है. इसके अलावा कंबोडिया से हल्दी भेजी गई है. भगवान श्री राम की सेवा के लिए वह हमने प्राप्त कर ली है. यह बेहद शुभ लक्षण है कि भगवान राम की सेवा में पूरे विश्व से लोग सहयोग कर रहे हैं.

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