श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस नेता डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कश्मीरी पंडितों पर हमला सीधे कश्मीर की आत्मा पर हमला है. इसलिए कश्मीर फाइल्स पर बैन लगाना चाहिए. अब्दुल्ला ने एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात में कहा कि ऐसी फिल्मों की वजह से नफरत बढ़ी और कश्मीरी पंडितों पर हमले हुए. कश्मीरी पंडितों को बचाना है तो कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों पर बैन लगाने की जरूरत है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बीते शनिवार को कहा था कि कश्मीरी पंडितों पर होने वाला हर हमला कश्मीर की आत्मा पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी घाटी में सामान्य स्थिति होने संबंधी सरकार के दावों के विपरीत है. पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अमित कौल के नेतृत्व में कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के दौरान उक्त बातें कहीं.
अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे पंडित भाइयों पर हर हमला कश्मीर की आत्मा पर सीधा हमला है. मैं ऐसा समय देखना चाहता हूं, जब कश्मीरी मुसलमान और कश्मीरी पंडित दोनों साथ-साथ रहें. हालांकि मौजूदा सरकार केवल दिखावे तक ही सीमित है. उनकी सुरक्षित और स्थायी वापसी के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के वास्ते जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे. गौरतलब है कि 2010-11 में जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी पाने वाले राहुल भट्ट की आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार को बडगाम जिले के चडूरा कस्बे में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद प्रतिनिधिमंडल ने अब्दुल्ला से मुलाकात की.
वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमने कश्मीरी पंडितों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाया है. 2010-2016 में चरम अशांति के दौरान कोई हत्या नहीं हुई. कश्मीर फाइल्स फिल्म ने भी इसे ट्रिगर किया है. वे वास्तविक विषयों से ध्यान हटाने के लिए हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पैदा कर रहे हैं. वे अब ज्ञानवापी मस्जिद के पीछे हैं.
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