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असम बाढ़ : सात और लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया - असम भूस्खलन न्यूज

असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही. सात और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक कुल 108 लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है.

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Published : Jun 24, 2022, 7:00 AM IST

गुवाहाटी : असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही. सात और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक कुल 108 लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन के बुलेटिन के अनुसार बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या घटी है. बाढ़ से 30 जिलों के 45.34 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बुधवार को 32 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 54.5 लाख थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है. इस चुनौती से निपटने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की खातिर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.

पढ़ें: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर: सात और लोगों की मौत, 55 लाख से अधिक लोग प्रभावित

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना और एनडीआरएफ के दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं. वे बचाव अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं. वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं. इस बीच आज, कछार और बारपेटा में दो-दो, बजली, धुबरी और तामुलपुर जिलों में एक एक व्यक्ति की जान चले जाने से, मध्य मई से अबतक 108 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं. हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 108 हो गई है.

हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने बराक घाटी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की तथा घोषणा की कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की और टुकड़ियां सिलचर भेजी जाएंगी. सरमा ने कछार जिले के सिलचर में समीक्षा बैठक के बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ , सेना, अन्य एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं. लेकिन सेना की और टुकड़ियां फंसे लोगों को निकालने के लिए शुक्रवार को पहुंचेंगी. उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना की कितनी टुकड़ियां इस काम में लगायी जाएंगी.

पढ़ें: असम में बाढ़ का दूसरा चरण: बाढ़ और भूस्खलन में तीन लोगों की मौत

बराक घाटी के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी गंभीर रूप से बाढ़ की चपेट में हैं. बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बारपेटा की स्थिति सबसे खराब है. यहां 10,32,561 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कामरूप में 4,29,166, नगांव में 4,29,166, धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं. इस बीच, बाढ़ की वजह से राज्य के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं. शिक्षा विभाग के सचिव भरत भूषण देव चौधरी ने एक अधिसूचना में कहा कि छुट्टियां 25 जून से 25 जुलाई तक रहेंगी. पहले इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक की अवधि तय की गई थी.

गुवाहाटी : असम में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को भी गंभीर बनी रही. सात और लोगों की मौत हो जाने से इस आपदा में अब तक कुल 108 लोगों की जान जा चुकी है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित सिलचर शहर का हवाई सर्वेक्षण किया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन के बुलेटिन के अनुसार बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या घटी है. बाढ़ से 30 जिलों के 45.34 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बुधवार को 32 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 54.5 लाख थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र असम में बाढ़ की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है. इस चुनौती से निपटने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने की खातिर राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.

पढ़ें: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर: सात और लोगों की मौत, 55 लाख से अधिक लोग प्रभावित

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना और एनडीआरएफ के दल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं. वे बचाव अभियान चला रहे हैं और प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं. वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत 250 से अधिक उड़ानें भरी हैं. इस बीच आज, कछार और बारपेटा में दो-दो, बजली, धुबरी और तामुलपुर जिलों में एक एक व्यक्ति की जान चले जाने से, मध्य मई से अबतक 108 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां तथा उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं. हालांकि कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मई के मध्य में आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर अब 108 हो गई है.

हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने बराक घाटी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की तथा घोषणा की कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की और टुकड़ियां सिलचर भेजी जाएंगी. सरमा ने कछार जिले के सिलचर में समीक्षा बैठक के बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ , सेना, अन्य एजेंसियां बचाव अभियान चला रही हैं. लेकिन सेना की और टुकड़ियां फंसे लोगों को निकालने के लिए शुक्रवार को पहुंचेंगी. उन्होंने यह नहीं बताया कि सेना की कितनी टुकड़ियां इस काम में लगायी जाएंगी.

पढ़ें: असम में बाढ़ का दूसरा चरण: बाढ़ और भूस्खलन में तीन लोगों की मौत

बराक घाटी के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी गंभीर रूप से बाढ़ की चपेट में हैं. बराक और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बारपेटा की स्थिति सबसे खराब है. यहां 10,32,561 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कामरूप में 4,29,166, नगांव में 4,29,166, धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं. इस बीच, बाढ़ की वजह से राज्य के स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं. शिक्षा विभाग के सचिव भरत भूषण देव चौधरी ने एक अधिसूचना में कहा कि छुट्टियां 25 जून से 25 जुलाई तक रहेंगी. पहले इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक की अवधि तय की गई थी.

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