ETV Bharat / bharat

भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां नहीं होने दूंगा : केरल राज्यपाल

author img

By

Published : Nov 21, 2022, 10:22 AM IST

Updated : Nov 21, 2022, 1:31 PM IST

केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां नहीं होने दी जाएं. जब तक मैं यहां हूं, मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगा."

Etv Bharat
Etv Bharat

कोच्चि : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिनाराई विजयन सरकार के बीच टकराव जारी है. ऐसे में सोमवार को राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में पक्षपात और भाई-भतीजावाद की अनुमति नहीं देंगे. राज्यपाल ने आज यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, " यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां नहीं होने दी जाएं. जब तक मैं यहां हूं, मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगा. केवल वही लोग नियुक्त किए जाएंगे जो योग्य हैं, और यूजीसी की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हों."

राज्यपाल ने आगे कहा, "अगर सीएम कार्यालय में बैठा कोई वीसी को अपने रिश्तेदारों को नियुक्त करने का निर्देश दे रहा है और अगर सीएम को इसके बारे में पता नहीं है, तो यह दर्शाता है कि वह कितना अक्षम है. अगर वह इसके बारे में जानता है, तो वह भी उतना ही दोषी है." उन्होंने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि मुझे व्यक्तिगत समर्थन की आवश्यकता नहीं है. मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि देश के कानून को बरकरार रखा जाए. मेरा काम यह देखना है कि विश्वविद्यालय कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त हों."

इससे पहले 15 नवंबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में सभी नियुक्तियां "अवैध" हैं. साथ ही यह भी कहा कि विश्वविद्यालय "पार्टी कैडर की जागीर बन गए हैं." राज्यपाल ने आरोप लगाया था, "आप इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते हैं कि पिछले साल तक केरल में 13 विश्वविद्यालय थे और सभी नियुक्तियां अवैध थीं? क्या कोई अन्य राज्य है, जहां कानून का उल्लंघन करते हुए 100 प्रतिशत नियुक्तियां की गई हैं? विश्वविद्यालय पार्टी कैडर और उनके रिश्तेदारों की जागीर बन गया है."

उन्होंने आगे जोर देकर कहा था कि अगर सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने के एक मामले में उनका मुकाबला किया जा सकता है, तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय चलाने का काम चांसलर का है, सरकार चलाने का काम चुनी हुई सरकार का है. मुझे एक उदाहरण दीजिए जहां मैंने सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, मैं उसी क्षण इस्तीफा दे दूंगा. मैं आपको 1,001 उदाहरण दे सकता हूं, जहां विश्वविद्यालयों के दैनिक कामकाज में उन्होंने (सरकार ने) हस्तक्षेप किया."

(एएनआई)

कोच्चि : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिनाराई विजयन सरकार के बीच टकराव जारी है. ऐसे में सोमवार को राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में पक्षपात और भाई-भतीजावाद की अनुमति नहीं देंगे. राज्यपाल ने आज यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, " यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पक्षपात और भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां नहीं होने दी जाएं. जब तक मैं यहां हूं, मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगा. केवल वही लोग नियुक्त किए जाएंगे जो योग्य हैं, और यूजीसी की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हों."

राज्यपाल ने आगे कहा, "अगर सीएम कार्यालय में बैठा कोई वीसी को अपने रिश्तेदारों को नियुक्त करने का निर्देश दे रहा है और अगर सीएम को इसके बारे में पता नहीं है, तो यह दर्शाता है कि वह कितना अक्षम है. अगर वह इसके बारे में जानता है, तो वह भी उतना ही दोषी है." उन्होंने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि मुझे व्यक्तिगत समर्थन की आवश्यकता नहीं है. मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि देश के कानून को बरकरार रखा जाए. मेरा काम यह देखना है कि विश्वविद्यालय कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त हों."

इससे पहले 15 नवंबर को उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में सभी नियुक्तियां "अवैध" हैं. साथ ही यह भी कहा कि विश्वविद्यालय "पार्टी कैडर की जागीर बन गए हैं." राज्यपाल ने आरोप लगाया था, "आप इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते हैं कि पिछले साल तक केरल में 13 विश्वविद्यालय थे और सभी नियुक्तियां अवैध थीं? क्या कोई अन्य राज्य है, जहां कानून का उल्लंघन करते हुए 100 प्रतिशत नियुक्तियां की गई हैं? विश्वविद्यालय पार्टी कैडर और उनके रिश्तेदारों की जागीर बन गया है."

उन्होंने आगे जोर देकर कहा था कि अगर सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने के एक मामले में उनका मुकाबला किया जा सकता है, तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय चलाने का काम चांसलर का है, सरकार चलाने का काम चुनी हुई सरकार का है. मुझे एक उदाहरण दीजिए जहां मैंने सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, मैं उसी क्षण इस्तीफा दे दूंगा. मैं आपको 1,001 उदाहरण दे सकता हूं, जहां विश्वविद्यालयों के दैनिक कामकाज में उन्होंने (सरकार ने) हस्तक्षेप किया."

(एएनआई)

Last Updated : Nov 21, 2022, 1:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.