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UCC का बड़े पैमाने पर विरोध करने का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ऐलान, जारी किया लिंक

यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर ऑल इंडिया पर्सलन लॉ बोर्ड के सदस्यों की बैठक ऑनलाइन हुई. बैठक के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर यह अपील की है.

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Published : Jul 5, 2023, 12:45 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 4:47 PM IST

लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर बनाए गए मसौदे पर चर्चा के लिए बुधवार को सदस्यों की एक ऑनलाइन बैठक बुलाई. बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें सभी मेंबर अपने शहरों से जुड़े. नए अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में चली तीन घंटे तक बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने को कहा है.

बैठक में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने लोगों से अपील की कि 'आप सबको ज्ञात होगा कि हमारे देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने का माहौल बनाया जा रहा है. अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के इस देश को समान नागरिक संहिता के माध्यम से धार्मिक व सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर चोट पहुंचायी जा रही है. इसी सम्बन्ध में भारत के विधि आयोग ने देश के शहरों से समान नागरिक संहिता के बारे में राय मांगी है. हमें इस संबंध में बड़े पैमाने पर उत्तर देना चाहिए और समान नागरिक संहिता का विरोध करना चाहिए. इसी सम्बन्ध में एक लिंक आपको प्रेषित की जा रही है. जिसके प्रयोग करने का तरीक़ा यह है कि नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें और जीमेल खुलने पर उत्तर साम्रग्री आपके समक्ष आ जायेगी आप वहां अपने नाम और सेंड के बटन पर क्लिक कर दें विधि आयोग को आपका उत्तर पहुंच जाएगा. इससे पहले विधि आयोग के सचिव ने बोर्ड को यूसीसी के संबंध में बड़े पैमाने पर जनता से विचार और सुझाव मांगते हुए उचित प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए कहा था.

बता दें कि विधि आयोग द्वारा जारी 14 जून के नोटिस पर कानूनी मामलों के विभाग, विधायी विभाग और भारत के विधि आयोग के विचारों को सुनने के लिए सोमवार को कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति की एक बैठक बुलाई गई थी. इसमें समान नागरिक संहिता पर हितधारकों के विचार भी लिए गए. बैठक में विपक्षी सांसदों ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि यूसीसी सिर्फ एक पारिवारिक कानून का मामला नहीं है, बल्कि समाज के हर धर्म, जाति और समुदाय से जुड़े मामलों के बारे में है, इसलिए समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला होना चाहिए.

समान नागरिक संहिता की अवधारणा पिछले चार वर्षों से चर्चा का विषय रही है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान कानून पर जोर देने के बाद यह एक बार फिर से फोकस में आ गई है. पीएम मोदी ने कहा था कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है.बताते चले कि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन के बाद यह पहली बैठक हो रही है. हालांकि, यह बैठक आपात कारणों से वर्चुअल ही कंडक्ट कराई जा रही है. इस बैठक में लखनऊ से इमाम ईदगाह और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी जुड़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव का बयान, कहा-जनता बदलाव चाहती है, भाजपा को हराने के लिए तैयार है

लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर बनाए गए मसौदे पर चर्चा के लिए बुधवार को सदस्यों की एक ऑनलाइन बैठक बुलाई. बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें सभी मेंबर अपने शहरों से जुड़े. नए अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में चली तीन घंटे तक बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने को कहा है.

बैठक में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने लोगों से अपील की कि 'आप सबको ज्ञात होगा कि हमारे देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने का माहौल बनाया जा रहा है. अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के इस देश को समान नागरिक संहिता के माध्यम से धार्मिक व सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर चोट पहुंचायी जा रही है. इसी सम्बन्ध में भारत के विधि आयोग ने देश के शहरों से समान नागरिक संहिता के बारे में राय मांगी है. हमें इस संबंध में बड़े पैमाने पर उत्तर देना चाहिए और समान नागरिक संहिता का विरोध करना चाहिए. इसी सम्बन्ध में एक लिंक आपको प्रेषित की जा रही है. जिसके प्रयोग करने का तरीक़ा यह है कि नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें और जीमेल खुलने पर उत्तर साम्रग्री आपके समक्ष आ जायेगी आप वहां अपने नाम और सेंड के बटन पर क्लिक कर दें विधि आयोग को आपका उत्तर पहुंच जाएगा. इससे पहले विधि आयोग के सचिव ने बोर्ड को यूसीसी के संबंध में बड़े पैमाने पर जनता से विचार और सुझाव मांगते हुए उचित प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए कहा था.

बता दें कि विधि आयोग द्वारा जारी 14 जून के नोटिस पर कानूनी मामलों के विभाग, विधायी विभाग और भारत के विधि आयोग के विचारों को सुनने के लिए सोमवार को कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर स्थायी समिति की एक बैठक बुलाई गई थी. इसमें समान नागरिक संहिता पर हितधारकों के विचार भी लिए गए. बैठक में विपक्षी सांसदों ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि यूसीसी सिर्फ एक पारिवारिक कानून का मामला नहीं है, बल्कि समाज के हर धर्म, जाति और समुदाय से जुड़े मामलों के बारे में है, इसलिए समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला होना चाहिए.

समान नागरिक संहिता की अवधारणा पिछले चार वर्षों से चर्चा का विषय रही है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान कानून पर जोर देने के बाद यह एक बार फिर से फोकस में आ गई है. पीएम मोदी ने कहा था कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है.बताते चले कि बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन के बाद यह पहली बैठक हो रही है. हालांकि, यह बैठक आपात कारणों से वर्चुअल ही कंडक्ट कराई जा रही है. इस बैठक में लखनऊ से इमाम ईदगाह और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी जुड़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव का बयान, कहा-जनता बदलाव चाहती है, भाजपा को हराने के लिए तैयार है

Last Updated : Jul 5, 2023, 4:47 PM IST
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