नई दिल्ली : पंजाब में विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले कांग्रेस पार्टी छह फरवरी यानी रविवार को राज्य के लिए अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी. इस बात की पुष्टि खुद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कर चुके हैं. जैसा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र श्री चमकौर साहिब में कहा था, '6 फरवरी को सीएम उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी. मैं उस दिन राहुल गांधी के साथ रहूंगा.'
पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रही खींचतान के बीच इस घोषणा से राज्य में पार्टी के सीएम चेहरे को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग सकता है लेकिन बाद में यह कांग्रेस के लिए सभी को साथ रखने की बड़ी चुनौती बन सकती है.
इससे पहले, सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी नेता राहुल गांधी से पंजाब के लिए सीएम उम्मीदवार की घोषणा करने के लिए कहा था. दोनों नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे पार्टी द्वारा जो भी तय किया जाएगा उसका पालन करेंगे. उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए, राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि पार्टी के सदस्यों की राय के आधार पर सीएम उम्मीदवार का फैसला किया जाएगा.
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर, पार्टी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर 'ईटीवी भारत' से कहा, 'वास्तव में पार्टी चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार की घोषणा करने के बारे में निश्चित नहीं थी क्योंकि इससे राज्य इकाई के भीतर खाई चौड़ी हो सकती है. सिद्धू अपनी शिकायतों को लेकर काफी मुखर बने हुए हैं लेकिन इस बार, उन्होंने खुद राहुल गांधी को आश्वासन दिया है कि पार्टी जो भी फैसला करेगी वह स्वीकार करेंगे. अब वह इसका पालन करने के लिए बाध्य हैं.'
हालांकि, कहानी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें उन्हें यह दावा करते हुए देखा गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बाहर हुए जबकि सबसे ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने इस पद के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को चुना. इसके एक दिन बाद, जाखड़ ने पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में चन्नी का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों ने पिछले 4 महीनों में उनके अच्छे काम को देखा है. कांग्रेस जहां अपने सभी प्रचार पोस्टरों और सोशल मीडिया अकाउंट्स में सुनील जाखड़ का चेहरा लगा रही है, लेकिन सीएम उम्मीदवार के चयन के लिए पार्टी के टेली-सर्वे में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है.
इसके कारण, कांग्रेस को विपक्षी दलों की आलोचना का भी सामना करना पड़ रहा है, जो आरोप लगाते रहे हैं कि सबसे पुरानी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है क्योंकि सीएम पद के लिए नियुक्ति के दौरान पार्टी के विधायकों की राय को नजरअंदाज कर दिया गया था.
अंतिम निर्णय आलाकमान का : औजला
पार्टी के रुख को सही ठहराने के प्रयास में, पंजाब कांग्रेस के सांसद गुरजीत औजला (Gurjeet Aujla) ने 'ईटीवी भारत' से कहा, 'अंतिम निर्णय हमेशा पार्टी आलाकमान द्वारा लिया गया है. हर कोई उसे स्वीकार करता है.' इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने अपना स्टैंड लेते हुए कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू हीरो हैं, वे हीरो रहेंगे, कोई फर्क नहीं पड़ता कि सीएम कौन होगा. केवल एक चीज जो मायने रखती है वह यह है कि जो कोई भी मुख्यमंत्री बनें, मंत्रियों की बात सुने, उनकी फाइलों पर हस्ताक्षर करें और उन्हें काम करने दें.'
हालांकि, पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने सीएम उम्मीदवार के नाम पर कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि चरणजीत सिंह चन्नी इस दौड़ में सबसे आगे हैं. पार्टी उन्हें दो निर्वाचन क्षेत्रों, चमकौर साहिब और भदौर से चुनाव लड़ा रही है, इस फैसले से भी यह स्पष्ट हो रहा है.
लुधियाना में रैली को संबोधित करेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी छह फरवरी को पंजाब के लुधियाना में डिजिटल रैली को संबोधित करेंगे. अटकले लगाई जा रही हैं कि राहुल राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी छह फरवरी को लुधियाना में डिजिटल रैली को संबोधित करेंगे.
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