लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती की ओर से भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया है. इसके बाद आकाश आनंद और उनका परिवार सुर्खियों में आ गया है. मायावती ने आकाश को साल 2019 में बहुजन समाज पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि आकाश आनंद के बाद जल्द ही उनकी पत्नी डॉ. प्रज्ञा भी सक्रिय राजनीति में उतर सकती हैं.
आकाश लंदन से कर चुके हैं एमबीए : आकाश ने नोएडा के पाथवेज वर्ल्ड स्कूल से पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने लंदन स्थित प्ले माउथ यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद के बेटे हैं. आनंद कुमार वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. इसी साल आकाश आनंद की शादी हरियाणा के गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी प्रज्ञा से हुई है. अशोक सिद्धार्थ मायावती के बहुत खास माने जाते हैं. इसीलिए मायावती ने उनकी बेटी से अपने भतीजे का रिश्ता जोड़ लिया था. इस विवाह में मायावती काफी खुश नजर आई थीं. जिस समय आकाश लंदन में एमबीए कर रहे थे, उस दौरान प्रज्ञा भी लंदन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहीं थीं. अब पति आकाश राजनीति में हैं तो प्रज्ञा भी बहुत जल्द पॉलिटिक्स में एंट्री कर सकती हैं.
बुआ ने लखनऊ में भतीजे-बहू के लिए बनाया शानदार आशियाना : बुआ मायावती भतीजे आकाश आनंद से कितना प्यार करती हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी कार्यालय से कुछ ही दूरी पर कांग्रेस पार्टी कार्यालय के सामने मायावती ने आकाश आनंद और बहू डॉ. प्रज्ञा के लिए एक आलीशान बंगला बनवाया है. इस बंगले की फिनिशिंग चल रही. जब भी आकाश अपनी पत्नी के साथ लखनऊ आएंगे तो इसी शानदार बंगले में रहेंगे.
पॉलिटिक्स में हो सकती है प्रज्ञा की एंट्री : बहुजन समाज पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार और ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ तो राजनीति में हैं ही, अब आकाश अपनी पत्नी डॉ. प्रज्ञा को भी अपने साथ राजनीति में लाकर पार्टी के साथ महिलाओं को जोड़ने का जिम्मा सौंप सकते हैं. उनकी पत्नी महिलाओं को पार्टी के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी भविष्य में बखूबी निभाते हुए नजर आ सकती हैं.
पॉलीटिशियन के साथ बिजनेसमैन भी हैं आकाश आनंद : मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद की बात की जाए तो वह पॉलिटिशियन के साथ एक बिजनेसमैन भी हैं. उन्होंने अपने पार्टनर के साथ मिलकर होटल लाइब्रेरी क्लब नाम से कंपनी भी शुरू की थी. औपचारिक तौर पर मायावती ने अपने भतीजे को 2016 में बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कराई थी, लेकिन 2019 से उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा.
आकाश के पिता पहले क्लर्क थे जबकि ससुर डॉक्टर : आकाश के पिता और मायावती के भाई आनंद कुमार पहले सरकारी विभाग में क्लर्क हुआ करते थे. इसके बाद नौकरी छोड़कर पार्टी में शामिल हो गए. मायावती ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव बनाया. उन्हें वह सब कुछ दिया जो एक बहन अपने भाई के लिए कर सकती थी. वहीं, अगर आकाश के ससुर और उनकी पत्नी प्रज्ञा के पिता अशोक सिद्धार्थ की बात की जाए तो वे प्रोफेशनल डॉक्टर थे. उन्होंने डॉ. का प्रोफेशन छोड़कर फुल टाइम पॉलिटिक्स ज्वाइन कर ली. मायावती ने 2016 से 2022 तक उन्हें राज्यसभा भी भेजा और वर्तमान में भी वह पार्टी के महासचिव हैं.
युवाओं के साथ ही दलित कोर वोटर को पार्टी से जोड़ेंगे आकाश : उत्तर प्रदेश समेत देश भर में बहुजन समाज पार्टी की जो स्थिति है वह बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसे में मायावती ने एक युवा को पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया है. लिहाजा, युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने की पूरी जिम्मेदारी आकाश आनंद के कंधों पर ही है. उन्होंने पहले भी पार्टी में 50% युवा पदाधिकारियों की वकालत की थी और इस कदम पर अब पार्टी चल भी रही है. इसके अलावा दलित मिशन मूवमेंट को भी आकाश आनंद धार देंगे. दलित कोर वोटर जो बहुजन समाज पार्टी से दूर हो रहा है उसे फिर से पार्टी के साथ जोड़कर बसपा को मजबूत करना होगा.
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