सोलन: धर्मपुर-सुबाथू सड़क पर कठनी के पास उस वक्त लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी जब एक चाय की दुकान पर बॉलीवुड फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभा चुके अभिनेता आशीष विद्यार्थी (Actor Ashish Vidyarthi In Solan) नजर आए. आशीष विद्यार्थी को जब भी समय मिलता है वे हिमाचल आते हैं और अपने दोस्त के साथ समय बिताते हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिंदगी में हर रोज बदलाव आ रहे हैं. बॉलीवुड में भी कई बदलाव आ चुके हैं. वर्तमान परिपेक्ष्य के साथ जो लोग खुद को बदलना चाहते हैं वे लोग कहते हैं कि दुनिया बदल रही है, लेकिन अब दुनिया के साथ चलना ही चलना होगा.
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बोले आशीष विद्यार्थी- 'मैं भी हिमाचली': आशीष (Actor Ashish Vidyarthi In Himachal Pradesh) ने कहा अगर हम ठहर जाते हैं तो समय आगे निकल जाता है इसलिए हमें लगता है दुनिया बदल रही है, लेकिन दुनिया कभी नहीं बदलती. वह समय के साथ चलती है और समय ही बलवान होता है. इसलिए हमें खुद को बदलती दुनिया के साथ बदलना आवश्यक होता है. वहीं आशीष विद्यार्थी ने कहा कि मैं भी हिमाचली हूं. मेरा केवल रंग सांवला है और मेरा हिमाचल की हसीन वादियों में ही आकर दिल लगता है.
'जिंदगी खुलकर जिए लोग': मंगलवार को आशीष विद्यार्थी धर्मपुर-सुबाथू सड़क पर कठनी के पास चाय की दुकान पर बैठे थे. इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से भी बातचीत की. बातचीत में उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि जिंदगी के लिए हमें आयाम बदलने होंगे. लोग बुरे नहीं होते, हमें हर जगह अच्छाइयां ही देखनी चाहिए. क्योंकि हर जगह गड्ढों की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कई प्रकार के उदाहरण देकर जिंदगी के किस्से सुनाए और लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी जिंदगी खुलकर जियें.
"छोटी-छोटी चीजों में खुशियां देखना जिंदगी है. थियेटर ने मुझे जीने का एक नया तरीका सिखाया है. कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. हम लोग ही काम को छोटा या बड़ा बनाते हैं. हमें अपने काम को अच्छे काम में बदलना चाहिए. थियेटर हमें बताता है कि सबके सपने होते हैं और उन सब को साकार किया जा सकता है. साथ मिलकर काम करने के रास्ते निकाले जा सकते हैं."- आशीष विद्यार्थी, अभिनेता
हिमाचल से गहरा लगाव: आशीष विद्यार्थी अभी तक 240 से अधिक फिल्में कर चुके हैं. अधिकतर फिल्मों में विद्यार्थी ने विलन का रोल किया है. फ्री समय में वे जिले के धर्मपुर में अपने दोस्त के पास आकर रुकते हैं. इन दिनों भी वह धर्मपुर आए हुए हैं और कभी सोलन तो कभी सुबाथू में लोगों से मिल रहे हैं. धर्मपुर के रोडी में आशीष विद्यार्थी की दोस्त अमला प्रोग्राम फॉर थियेटर चला रही हैं. इसके माध्यम से वे बच्चों को चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे थियेटर करने के तरीकों को यहां धर्मपुर में ही सिखाया जा रहा है. इसी के साथ खेल-खेल के माध्यम से स्कूली बच्चों को अंग्रेजी भी सिखा रही हैं और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. अब वह लोगों को ट्रेनिंग दे रही हैं ताकि वे अन्य को भी सीखा सकें.