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ईडी की पूछताछ में खुलासा, छात्रवृत्ति घोटाला कर नेपाल में खरीदी संपत्तियां

75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में ED ने बुधवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अदालत ने तीनों आरोपियों को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.

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Published : Apr 28, 2023, 8:58 AM IST

लखनऊ : 75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हाइजिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के गिरफ्तार हुए संचालकों ने ईडी की पूछताछ में कई अहम खुलासे किये हैं. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उन्होंने बताया कि घोटाले की रकम से देश के कई हिस्सों के अलावा नेपाल में कई संपत्तियां खरीदी हैं. इस दौरान जब कर्मचारी रवि गुप्ता से पूछताछ की गई तो उसने खुद को बेकसूर बताया.


मंगलवार को गिरफ्तार हुए हाइजिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता से ईडी ने गुरुवार को रिमांड के दौरान पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान सामने आया है कि घोटाले की रकम संपत्तियों को खरीदने में इन्वेस्ट की जा रही थी.



पांच दिन की कस्टडी रिमांड : प्रवर्तन निदेशालय के प्रवक्ता के मुताबिक, ईडी ने मंगलवार रात हाइजिया एजूकेशनल सोसाइटी के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, मैनेजर अली अब्बास जाफरी और हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने ईडी को तीनों की पांच दिन की कस्टडी रिमांड दी है. एजेंसी की पूछताछ के दौरान हाइजिया ग्रुप के संचालक ने घोटाले में शामिल कई अन्य काॅलेजों के नाम भी कबूल किये हैं. एजेंसी ने उनके बयान के आधार पर लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, कानपुर, बरेली के काॅलेजों की पड़ताल शुरू कर दी है. इन कॉलेज में फिनो पेमेंट बैंक के जरिए 3 हजार फर्जी खाते खोलकर छात्रवृत्ति हड़पने की बात सामने आई थी.


छापेमारी में मिले थे अहम दस्तावेज : दरअसल, वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. ईडी ने हाल ही में इन कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में एक ही मेल आईडी और मोबाइल नंबर दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर प्रमोद पांडे कर रहे थे. उन्होंने समाज कल्याण विभाग से संस्थानों को दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा तलब किया था.


इन पर दर्ज हुई थी FIR : छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हजरतगंज थाने में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल हैं.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा, अब कम कीमत में होंगे हवाई दर्शन

लखनऊ : 75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हाइजिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के गिरफ्तार हुए संचालकों ने ईडी की पूछताछ में कई अहम खुलासे किये हैं. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में उन्होंने बताया कि घोटाले की रकम से देश के कई हिस्सों के अलावा नेपाल में कई संपत्तियां खरीदी हैं. इस दौरान जब कर्मचारी रवि गुप्ता से पूछताछ की गई तो उसने खुद को बेकसूर बताया.


मंगलवार को गिरफ्तार हुए हाइजिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता से ईडी ने गुरुवार को रिमांड के दौरान पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान सामने आया है कि घोटाले की रकम संपत्तियों को खरीदने में इन्वेस्ट की जा रही थी.



पांच दिन की कस्टडी रिमांड : प्रवर्तन निदेशालय के प्रवक्ता के मुताबिक, ईडी ने मंगलवार रात हाइजिया एजूकेशनल सोसाइटी के संचालक इजहार हुसैन जाफरी, मैनेजर अली अब्बास जाफरी और हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता को गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने ईडी को तीनों की पांच दिन की कस्टडी रिमांड दी है. एजेंसी की पूछताछ के दौरान हाइजिया ग्रुप के संचालक ने घोटाले में शामिल कई अन्य काॅलेजों के नाम भी कबूल किये हैं. एजेंसी ने उनके बयान के आधार पर लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, कानपुर, बरेली के काॅलेजों की पड़ताल शुरू कर दी है. इन कॉलेज में फिनो पेमेंट बैंक के जरिए 3 हजार फर्जी खाते खोलकर छात्रवृत्ति हड़पने की बात सामने आई थी.


छापेमारी में मिले थे अहम दस्तावेज : दरअसल, वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. ईडी ने हाल ही में इन कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में एक ही मेल आईडी और मोबाइल नंबर दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर प्रमोद पांडे कर रहे थे. उन्होंने समाज कल्याण विभाग से संस्थानों को दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा तलब किया था.


इन पर दर्ज हुई थी FIR : छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हजरतगंज थाने में एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल हैं.

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