हमीरपुर: एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) हमीरपुर में 500 से अधिक स्टूडेंट और फैकल्टी मेंबर और स्टाफ सदस्य आई फ्लू की चपेट में आ गए हैं. एकाएक संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद एनआईटी प्रबंधन ने कक्षाओं को ऑनलाइन करने का निर्णय ले लिया है. एनआईटी हमीरपुर में फिजिकल कक्षाएं तुरंत प्रभाव से बंद कर दी गई हैं. फिलहाल 15 अगस्त तक संस्थान में फिजिकल कक्षाओं को सस्पेंड किया गया है. एकाएक संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर की टीम ने एनआईटी हमीरपुर का दौरा किया है. यहां पर संस्थान प्रबंधन के साथ मिलकर इस बीमारी से बचाव और इलाज के प्रति सभी को जागरूक किया जा रहा है.
बीमारी की चपेट में आए लोगों को इलाज का परामर्श भी दिया जा रहा है. इतना ही नहीं बीमारी के व्यापक स्तर पर फैलाव होने के कारण हमीरपुर जिला में सभी शिक्षण संस्थानों को स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी गाइडलाइन जारी कर दी है. इन गाइडलाइन में बीमारी से बचाव को लेकर और चपेट में आए लोगों के इलाज का परामर्श बताया गया है. बीमारी से बचाव के लिए किस तरह से संस्थागत कदम उठाये जा सकते है इस बारे में सूचित किया गया है. एनआईटी हमीरपुर में स्टूडेंट और फैकल्टी मेंबर और स्टाफ सदस्यों समेत कुल 5 हजार लोगों की संख्या है. एनआईटी प्रबंधन की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार फिजिकल मोड पर लगने वाली यूजी पीजी ड्यूल डिग्री सहित पीएचडी की कक्षाओं को 3 अगस्त से 15 अगस्त तक सस्पेंड कर दिया गया है. इन दो हफ्तों की समयावधि के दौरान सभी छात्र अपने- अपने हॉस्टल या फिर अपने घर से ही ऑनलाइन कक्षाएं लगाएंगे, ताकि आई फ्लू के इस संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके.
सभी विभागों के अध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि सभी शिक्षक विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. साथ ही छात्रों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने हॉस्टल में रहें और जरूरी न हों तो बाहर न निकलें जबकि एनआईटी कैंपस के बाहर जाने पर छात्रों की पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. एनआईटी हमीरपुर की रजिस्ट्रार डॉ. अर्चना ननोटी का कहना है कि बीमारी के संक्रमण को देखते हुए फिजीकल कक्षाएं बंद कर दी गई है. अब ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम संस्थान में विजिट कर रही है. सोमवार को एक बार फिर हालात को रिव्यू किया जाएगा.
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उम्र के हिसाब से दवाई, डॉक्टर की राय जरूरी: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर अनिल वर्मा का कहना है कि आई फ्लू के मरीज को उम्र के हिसाब से दवाई दी जाती है. बीमारी की चपेट में आने पर डाक्टर की राय लेकर ही दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बीमारी में घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.
ये हैं लक्षण: सीएमओ हमीरपुर डॉ. आरके अग्निहोत्री ने कहा कि आई फ्लू आंखों में लालिमा, खुजली, चिपचिपापन होता है. बीमारी से पलकें भी सूज जाती हैं. यह एक तरह का वायरल है जिसे पूरी तरह से ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है. आई फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए सफाई पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें हर दिन जांच के लिए जा रही है.
ऐसे करें बचाव: हाथों को साबुन से बार बार धोते रहें, बार बार आंखे न छूए, दूसरे व्यक्ति का चश्मा, रूमाल, तौलिया, पेन, मोबाइल, कुर्सी टेबल इस्तेमाल न करे, दरवाजों कुंडियों और नलकों के हैंडल को सैनिटाइज करें.
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