बैंकॉक : म्यांमार के चिन राज्य के थंतलांग शहर के कुछ हिस्सों में हुई यह बर्बादी म्यांमार की सैन्य-स्थापित सरकार और इसके विरोध में बलों के बीच चल रहे संघर्ष में अब तक का सबसे व्यापक विनाश प्रतीत हो रही है.
सेना ने फरवरी में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार से सत्ता हथिया ली थी लेकिन व्यापक विरोध को दबाने में नाकाम रही. मानवाधिकार समूहों और संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने हाल ही में चेतावनी दी है कि सरकार देश के पश्चिमोत्तर में एक बड़े हमले की योजना बना रही है, जिसमें चिन राज्य के साथ ही मैगवे और सागिंग के क्षेत्र भी शामिल हैं.
बीहड़ के इस इलाके के निवासियों को उनकी लड़ने की भावना के लिए जाना जाता है और उन्होंने हल्के हथियारों, शिकार में इस्तेमाल होने वाली बंदूकों और घरेलू हथियारों के जरिये सैन्य शासन का कड़ा मुकाबला किया है. खबरों के मुताबिक, आग शुक्रवार तड़के शुरू हुई और रात तक इसपर काबू नहीं पाया जा सका. हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है.
मानवीय सहायता एजेंसी सेव द चिल्ड्रेन ने कहा कि उसका कार्यालय उन इमारतों में से एक में था जिन्हें जानबूझकर आग लगा दी गई थी. एजेंसी ने कहा कि इस हिंसा से हुई तबाही पूरी तरह से बेमतलब है. इसने न केवल हमारे एक कार्यालय को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि पूरे शहर और हजारों परिवारों व बच्चों के घरों को नष्ट करने का जोखिम भी खड़ा किया है.
पूर्व में सरकारी सैनिकों के हमलों के मद्देनजर थंतलांग पहले ही काफी हद तक खाली हो चुका है. इससे पहले 18 सितंबर को एक और गोलाबारी से आग लगने से डेढ़ दर्जन अन्य घर और एक होटल नष्ट हो गए थे. इतना ही नहीं आग बुझाने में मदद की कोशिश करने पर एक पादरी को गोली भी मार दी गई थी.
यह भी पढ़ें-पीपीपी ने इमरान के इस्तीफे की मांग को ठहराया सही,कहा- जल्द हो चुनाव
इसके बाद 10,000 से अधिक निवासी शहर से भाग गए, कुछ अस्थायी रूप से आस-पास के गांवों में रह रहे थे और अन्य भारत के मिजोरम राज्य में सीमापार आश्रय की तलाश में थे. माना जाता है कि शहर के बाहरी इलाके में एक अनाथालय की देखभाल में लगभग 20 कर्मचारी और बच्चे ही इसके शेष निवासी हैं.
(पीटीआई-भाषा)