लॉकडाउन 2.0 में भी नहीं रुक रहा पलायन, जंगल और खेतों के रास्ते भटक रहे मजदूर
गरीबी, लाचारी और मजबूरी क्या होती है इसे समझने के लिए ये तस्वीरें काफी हैं. सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने का दर्द क्या होता है. भूख और तपती गर्मी की जलत क्या होती है शायद मजदूरों से बेहतर कोई नहीं जानता होगा. लॉकडाउन 2.0 में भी रोजी-रोजी की तलाश में शहर पहुंचे मजदूरों का पलायन नहीं थम रहा.
Last Updated : Apr 18, 2020, 6:13 PM IST