'हम रंग में हैं वो जंग में हैं, जब वह जगते हैं रातों में तब अपनी होली होती है'...देखें कवि सम्मेलन की झलक - अखिल भारतीय कवि सम्मेलन अंता
🎬 Watch Now: Feature Video
![ETV Thumbnail thumbnail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/320-214-4444747-thumbnail-3x2-b.jpg)
बारां के अंता एनटीपीसी में हिंदी पखवाड़े के समापन को लेकर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें प्रसिद्ध कवियों ने भाग लेकर इस कवि सम्मेलन में चार चांद लगाए. कवि सम्मेलन की शुरुआत नीमच मध्यप्रदेश से आयी कवयित्री मीनू शर्मा के सरस्वती वंदना के साथ किया गया. कोटा के वीर रस के ऊर्जावान कवि निशा मुनि गोड़ ने सैनिकों के सम्मान में कविता पाठ करते हुए 'हम रंग में हैं वो जंग में हैं, जब वह जगते है रातों में तब अपनी होली होती है' जमकर तालियां बटोरी. वहीं मथुरा से आए हास्य कवि भगवान मकरंद ने' कश्मीर के हालातों पर कविता पाठ करते हुए 'छुपे अपने घर मे कुछ गद्दार नही होते, हमारे सैनिकों पर कभी भी वार नही होते ' पर खूब दाद पायी. इस कवि सम्मेलन के दौरान कवि राजेन्द्र पंवार, राजकुमार बादल, अर्जुन अल्हड़ ने अपनी हास्य रचनाओं से श्रोताओं को काफी गुदगुदाया.