कोरोनाकाल में ताला लगाकर विजय स्तंभ को भूला पुरातत्व विभाग, पर्यटक निराश - ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग
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चित्तौड़गढ़. राजस्थान के ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग को देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर हिस्से से पर्यटक आते हैं. इस दुर्ग के विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों के साथ ही विजय स्तंभ की स्थापत्य कला यहां आने वाले सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. लेकिन अब यहां आने वाले पर्यटकों को मायूसी ही हाथ लग रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले चार साल से अधिक समय से पर्यटक बिना विजय स्तंभ देखें ही लौटने को मजबूर हो रहे हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि यहां पुरातत्व विभाग की ओर से विजय स्तंभ पर ताला जड़ दिया गया है. कोरोना संक्रमण के दौरान पहले लॉकडाउन से पहले केंद्र सरकार ने विजय स्तंभ को बंद करवा दिया था. हालांकि, 2021 से ही कोरोना के बादल छंट गए और देश और दुनिया के द्वार फिर से खुल गए. बावजूद इसके पुरातत्व विभाग का ध्यान विजय स्तंभ की ओर नहीं गया. नतीजतन, बाहर से आने वाले पर्यटक विजय स्तंभ को देख ही नहीं पा रहे. जबकि चित्तौड़गढ़ दुर्ग का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग विजय स्तंभ को ही माना जाता है. वहीं, पर्यटकों का कहना है कि विजय स्तंभ की स्थापत्य कला को देखने के लिए ही वो यहां आए, लेकिन यहां आकर भी उन्हें मायूसी ही हाथ लगी. इधर, पुरातत्व विभाग के सहायक संरक्षक प्रेमचंद शर्मा ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश अनुसार विजय स्तंभ पर ताला लगाया गया है.