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नए साल पर पर्यटकों को मिलेगी सौगात! जल्द शुरू होगा नीमच माता रोपवे

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 27, 2023, 5:38 PM IST

उदयपुर के नीमच माता रोपवे जल्द शुरू हो सकता है. इस रोपवे का काम अंतिम चरणों में है. साथ ही इसका सफल ट्रायल भी किया गया है.

नीमच माता रोपवे
नीमच माता रोपवे
नए साल पर पर्यटकों को मिलेगी सौगात.

उदयपुर. राजस्थान में आने वाले पर्यटकों को नए साल पर सौगात मिलने वाली है. अब देश दुनिया से आने वाले सैलानी उदयपुर में एक और रोपवे का आनंद ले सकेंगे. जनवरी के दूसरे सप्ताह में उदयपुर के नीमच माता रोपवे शुरू हो जाएगा, जिसका काम फिलहाल अंतिम चरणों में है. प्रशासन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद सैलानी आसानी से माता रानी के दरबार तक पहुंच पाएंगे. पिछले दिनों ही इस रोपवे का ट्रायल किया गया, जो तकनीकी तौर पर सफल रहा.

नए साल पर मिलेगी पर्यटकों को सौगात : नए साल पर देसी विदेशी सैलानियों को इस रोपवे को लेकर नई सौगात मिलेगी. विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 से 25 जनवरी के बीच इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. यूआईटी के अधिकारी निर्मल सुथार ने बताया कि नीमच माता मंदिर से दिवाली छोर तक बने इस रोपवे की कुल लंबाई 430 मीटर है. इसमें 16 ट्रॉलियों हैं, जिनका इंस्टॉलेशन हो चुका है. इन ट्रॉलियों में एक बार 64 लोग सफर कर सकेंगे. वहीं, प्रति ट्रॉली की क्षमता चार लोगों की है.

पढ़ें. Special : जयपुर का लक्ष्मण झूला! गुलाबी नगरी में विकसित हो रहा धार्मिक पर्यटन, रोपवे लगाएगा चार चांद

रोपवे से देखेंगे उदयपुर की खूबसूरती : यह रोपवे पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक रहेगा, क्योंकि इससे सफर के दौरान फतेहसागर झील के साथ पूरे शहर का मनमोहक नजारा दिखाई देगा. बता दें कि उदयपुर को यह दूसरा रोपवे मिल रहा है. इससे पहले दूध तलाई के पास स्थित पहाड़ी से करणी माता मंदिर की पहाड़ी के बीच रोपवे का संचालन किया जा रहा है. यहां बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक सफर करने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि, यह करणी माता रोपवे से थोड़ा अलग होगा. इसमें ट्रॉली पूरा राउंड लेकर ही वापस नीचे आएगी, जबकि करणी माता रोपवे में ट्रॉली जिस दिशा से जाती है उसी से वापस आती है.

नीमच माता पैसेंजर रोपवे फैक्ट्स

  1. SIERT फतहसागर से नीमच माता मंदिर तक बन रहा है रोपवे
  2. यूआईटी और दामोदर रोपवेज एण्ड इंफ्रा लिमिटेड के बीच 2018 में हुआ था MoU
  3. जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर ने 27 अप्रेल 2022 को जारी किया था लाइसेंस अनुबंध
  4. 13.5 करोड़ है परियोजना की लागत
  5. 24 माह में तैयार होना है रोपवे (27 अप्रेल 2022 से)
  6. आगामी 25 वर्ष तक है संचालन और रखरखाव का अनुबंध
  7. 5535 वर्ग मीटर भूमि का हो रहा उपयोग (4000 वर्ग मीटर वन भूमि और 1535 गैर वन भूमि)
  8. 429.419 मीटर है रोपवे की क्षेतिज लंबाई
  9. केबिनों की कुल संख्या 12/16
  10. केबिन क्षमता 6 यात्री
  11. कुल टावर 4
  12. टावर की ऊंचाई 24.5 मीटर है.

पढ़ें. ये न्यूयार्क और मैड्रिड के पार्क नहीं, कोटा का 'गार्डन ऑफ जॉय' है...देखें तस्वीरें

राजस्थान को मिल रहा है एक और रोपवे : बता दें कि इससे पहले जालौर जिले के भीनमाल में राजस्थान का सबसे पहले और 800 मी लंबा रोपवे है, जिसका निर्माण 20 दिसंबर 2006 को हुआ था. यहां सुधा माता का प्रसिद्ध मंदिर है. उदयपुर में मनसापूर्ण करणी माता रोपवे है, जिसका निर्माण 2008 में हुआ था. इसकी लंबाई 378 मीटर है. सावित्री माता रोपवे पुष्कर-अजमेर जिले के पुष्कर में है. यह प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा 700 मीटर का रोपवे है. इसके अलावा जयपुर के चोमू में रोपवे है, जिसकी लंबाई 400 मीटर है.

नए साल पर पर्यटकों को मिलेगी सौगात.

उदयपुर. राजस्थान में आने वाले पर्यटकों को नए साल पर सौगात मिलने वाली है. अब देश दुनिया से आने वाले सैलानी उदयपुर में एक और रोपवे का आनंद ले सकेंगे. जनवरी के दूसरे सप्ताह में उदयपुर के नीमच माता रोपवे शुरू हो जाएगा, जिसका काम फिलहाल अंतिम चरणों में है. प्रशासन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद सैलानी आसानी से माता रानी के दरबार तक पहुंच पाएंगे. पिछले दिनों ही इस रोपवे का ट्रायल किया गया, जो तकनीकी तौर पर सफल रहा.

नए साल पर मिलेगी पर्यटकों को सौगात : नए साल पर देसी विदेशी सैलानियों को इस रोपवे को लेकर नई सौगात मिलेगी. विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 से 25 जनवरी के बीच इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. यूआईटी के अधिकारी निर्मल सुथार ने बताया कि नीमच माता मंदिर से दिवाली छोर तक बने इस रोपवे की कुल लंबाई 430 मीटर है. इसमें 16 ट्रॉलियों हैं, जिनका इंस्टॉलेशन हो चुका है. इन ट्रॉलियों में एक बार 64 लोग सफर कर सकेंगे. वहीं, प्रति ट्रॉली की क्षमता चार लोगों की है.

पढ़ें. Special : जयपुर का लक्ष्मण झूला! गुलाबी नगरी में विकसित हो रहा धार्मिक पर्यटन, रोपवे लगाएगा चार चांद

रोपवे से देखेंगे उदयपुर की खूबसूरती : यह रोपवे पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक रहेगा, क्योंकि इससे सफर के दौरान फतेहसागर झील के साथ पूरे शहर का मनमोहक नजारा दिखाई देगा. बता दें कि उदयपुर को यह दूसरा रोपवे मिल रहा है. इससे पहले दूध तलाई के पास स्थित पहाड़ी से करणी माता मंदिर की पहाड़ी के बीच रोपवे का संचालन किया जा रहा है. यहां बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक सफर करने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि, यह करणी माता रोपवे से थोड़ा अलग होगा. इसमें ट्रॉली पूरा राउंड लेकर ही वापस नीचे आएगी, जबकि करणी माता रोपवे में ट्रॉली जिस दिशा से जाती है उसी से वापस आती है.

नीमच माता पैसेंजर रोपवे फैक्ट्स

  1. SIERT फतहसागर से नीमच माता मंदिर तक बन रहा है रोपवे
  2. यूआईटी और दामोदर रोपवेज एण्ड इंफ्रा लिमिटेड के बीच 2018 में हुआ था MoU
  3. जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर ने 27 अप्रेल 2022 को जारी किया था लाइसेंस अनुबंध
  4. 13.5 करोड़ है परियोजना की लागत
  5. 24 माह में तैयार होना है रोपवे (27 अप्रेल 2022 से)
  6. आगामी 25 वर्ष तक है संचालन और रखरखाव का अनुबंध
  7. 5535 वर्ग मीटर भूमि का हो रहा उपयोग (4000 वर्ग मीटर वन भूमि और 1535 गैर वन भूमि)
  8. 429.419 मीटर है रोपवे की क्षेतिज लंबाई
  9. केबिनों की कुल संख्या 12/16
  10. केबिन क्षमता 6 यात्री
  11. कुल टावर 4
  12. टावर की ऊंचाई 24.5 मीटर है.

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राजस्थान को मिल रहा है एक और रोपवे : बता दें कि इससे पहले जालौर जिले के भीनमाल में राजस्थान का सबसे पहले और 800 मी लंबा रोपवे है, जिसका निर्माण 20 दिसंबर 2006 को हुआ था. यहां सुधा माता का प्रसिद्ध मंदिर है. उदयपुर में मनसापूर्ण करणी माता रोपवे है, जिसका निर्माण 2008 में हुआ था. इसकी लंबाई 378 मीटर है. सावित्री माता रोपवे पुष्कर-अजमेर जिले के पुष्कर में है. यह प्रदेश का दूसरा सबसे लंबा 700 मीटर का रोपवे है. इसके अलावा जयपुर के चोमू में रोपवे है, जिसकी लंबाई 400 मीटर है.

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