उदयपुर. कहते हैं अगर इरादे मजबूत हों तो तस्वीर बदली जा सकती है. इस बात को साबित कर दिखाया है दक्षिणी राजस्थान के एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने. उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और बुलंद इरादों के बल पर सरकारी स्कूल को एक मॉडल स्कूल में तब्दील कर दिया. अब यह सरकारी विद्यालय प्राइवेट स्कूलों से भी ज्यादा सुविधा ग्रामीण परिवेश के बच्चों को उपलब्ध करवा रहा है. उदयपुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर वरडा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने निजी संस्थाओं की मदद से स्कूल में करीब 50 लाख रुपए के विकास के काम करवाए हैं.
सरकारी स्कूल बन गया मॉडल : राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वरडा अब अन्य सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा के साथ मॉडल बनकर उभरा है. इस सरकारी स्कूल में वो सुविधाएं उपलब्ध है, जो एक बड़े प्राइवेट स्कूल में भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते. स्कूल के शिक्षक हेमंत जोशी की पहल से शुरू हुआ स्कूल की तस्वीर बदलने का यह दौर अब निरंतर जारी है.
हेमंत जोशी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल होने के कारण बच्चे स्कूल में धीरे-धीरे कम हो रहे थे. ऐसे में उन्होंने निजी संस्थाओं के माध्यम से स्कूल की तस्वीर बदलने और सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए विकास काम करवाना शुरू किया. अब हेरिटेज लुक में बना स्कूल, छात्र-छात्राओं के लिए मॉडर्न लाइब्रेरी, देश के इतिहास और उपलब्धियों का बखान करती रंग बिरंगी दीवारों के साथ ही रात के समय सोलर लाइट की जगमग रोशनी स्कूल में उपलब्ध सुविधाएं स्कूल की तस्वीर बदलने का प्रमाण हैं. इसके साथ ही हर शनिवार को नो बैग डे रहता है. ऐसे में शनिवार को बच्चों को राजस्थान के जानवर, भाषा कौशल का ज्ञान खेल-खेल के माध्यम से दिया जाता है.
![Extra Curricular Activity on No Bag Day](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-7203313-03-dakshin-rajasthanka-sarkarischool-banaa_11022023161447_1102f_1676112287_347.jpg)
कक्षाओं की दीवारों पर इतिहास झलक रहा : इस स्कूल में करीब 350 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिनको स्कूल की दीवारों के जरिए कई उपयोगी फैक्ट्स और इतिहास से रूबरू करवाया जा रहा है. वाद्य यंत्र, विभिन्न धर्मों के प्रतीक चिन्ह, सैन्य प्रतीक चिह्न, नोबेल पुरस्कार, वैज्ञानिक, विश्व विरासत के आकर्षण चित्र स्कूल की दीवारों पर उकेरे गए हैं. इसके साथ ही स्कूल का नया भवन बेहद आकर्षक बनाया गया है.
![Extra Curricular Activity on No Bag Day](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-7203313-03-dakshin-rajasthanka-sarkarischool-banaa_11022023161447_1102f_1676112287_895.jpg)
पूरे भवन को स्थानीय पत्थर की चुनाई से बनाया गया है. इसके कारण स्कूल की दीवारें और भवन काफी खूबसूरत दिख रहे हैं और हेरिटेज लुक भी दे रहे हैं.. अलग-अलग संस्थाओं के माध्यम से अब तक करीब 50 लाख रुपए के विकास के काम करवाए जा चुके हैं. छात्र-छात्राओं की रूचि को देखते हुए विद्यालय में आर्ट एंड क्राफ्ट बॉक्स, विज्ञान प्रयोगशाला व पुस्तकालय कक्ष बनवाए गए हैं. यह कार्य नाबार्ड के सहयोग से संपन्न हुआ. हर शनिवार को होने वाले कार्यक्रम के कारण विद्यार्थियों का बौद्धिक, मानसिक व शारीरिक विकास होगा. प्रत्येक शनिवार प्रबुद्ध जनों का विद्यालय में आना होता है, जो विद्यार्थियों से रूबरू होते हैं.
सीसीआरटी की ओर से विद्यालय में पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया. इसका नाम 'अमृत शिविर - कदम-कदम बढ़ाए जा' था. विद्यार्थियों ने एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम पर माडना पेपर क्राफ्ट, पतंग निर्माण, बांधनी शिल्प, नृत्य सहित कई गतिविधियों में भाग लिया. इन कार्यों में दक्ष प्रशिक्षकों ने छात्रों से रचनात्मक कार्य करवाया. इसमें से श्रेष्ठ 5 विद्यार्थियों को दिल्ली का शैक्षिक भ्रमण करवाया जाएगा.