उदयपुर. साल के पहले दिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया मेवाड़ के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने सबसे पहले भगवान एकलिंगजी के दरबार में हाजिरी (Satish Poonia attack on Gehlot government) लगाई. पूनिया के उदयपुर पहुंचने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया. इस दौरान मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए पूनिया ने राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर (Lord Eklingji Temple of Udaipur) निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भगवान एकलिंग नाथ के दर पर हमने पिछले चार सालों से राजस्थान में व्याप्त कुशासन और जंगलराज को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है.
उन्होंने आगे कहा कि राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा लगातार जनाक्रोश यात्रा निकाल रही है. ऐसे में रविवार को ऐतिहासिक हल्दीघाटी में (BJP Jan Aakrosh Yatra) गहलोत सरकार के खिलाफ यात्रा निकाल यहां के लोगों को राज्य सरकार की विफलताओं से अवगत कराया जाएगा. पूनिया ने कहा कि हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप (Resolve to overthrow Gehlot government) ने मुगलों को घुटने टिकवा दिए थे. हमारी भी जंग कुछ ऐसी है. आज राजस्थान के लोग कुशासन और अव्यवस्था से परेशान हैं. लेकिन लोगों की समस्या से राज्य की गहलोत सरकार का कोई वास्ता नहीं है.
इसे भी पढे़ं - रास आई राहुल गांधी की नसीहत, अब राजस्थान कांग्रेस के नेता नापेंगे गली कूचे
अब भाजपा ने इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है. यही कारण है कि हम जिलेवार जनाक्रोश यात्रा निकाल आम लोगों को राज्य सरकार (Lord Eklingji the deity of Mewar) की विफलताओं से अवगत करा रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसान से लेकर नौजवान और बेरोजगारों तक को नहीं बख्शा है.
इस बार का बजट लोकलुभावन होगा... राज्य की गहलोत सरकार आगामी बजट की तैयारी में जुटी है. सरकार के मुखिया अशोक गहलोत इस बजट को युवाओं को समर्पित बजट बता रहे हैं, लेकिन विपक्षी भाजपा का कहना है कि ये बजट केवल व केवल लोकलुभावन होगा. जिसका जनता के सरोकार से कोई लेनादेना नहीं होगा.
त्यागपत्र वापस लेने वाले विधायकों पर कटाक्ष: कांग्रेस के विधायकों के पिछले दिनों इस्तीफा देने और अब वापस लेने के मसले पर पूनिया ने कहा कि जब इस्तीफा वापस लेने ही थे तो इस तरह की नौटंकी की भला क्या आवश्यकता थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने राजस्थान की जनता के साथ खिलवाड़ किया है.
साथ ही विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के अधिकारों का भी अतिक्रमण करने का काम किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता ने देखा कि पिछले दिनों इनके विधायकों ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफे दिए थे. संविधान में इस्तीफा देने का तो प्रावधान है, लेकिन वापस लेने का नहीं है.