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Special: उदयपुर में नवरात्रि की रौनक, बंगाल की मिट्टी से बन रही ईको फ्रेंडली मूर्तियों की बढ़ी मांग

शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू (Preparation for Sharadiya Navratri begins) होने जा रहा है, जिसको लेकर बाजारों में अभी से की रौनक दिखने लगी है. कोरोना के दो साल बाद एक बार फिर से नवरात्रि को धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. मंदिरों में रंग रोगन से लेकर गरबा पंडालों में स्थापित होने वाली माता की प्रतिमा तक की बुकिंग शुरू हो गई है. ईटीवी भारत ने माता की मूर्ति बना रहे मूर्तिकारों से खास बातचीत की.

बंगाल की मिट्टी से बन रही ईको फ्रेंडली मूर्तियां
बंगाल की मिट्टी से बन रही ईको फ्रेंडली मूर्तियां
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Published : Sep 24, 2022, 10:06 PM IST

उदयपुर: शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू होने जा (Preparation for Sharadiya Navratri begins) रहा है, जिसको लेकर बाजारों में अभी से की रौनक दिखने लगी है. कोरोना के दो साल बाद एक बार फिर से नवरात्रि को धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. तैयारियां अंतिम चरण में हैं. मंदिरों में रंग रोगन किया जा रहा है तो वहीं, गरबा पंडालों में स्थापित की जाने वाली माता की प्रतिमा भी बनाई जा रही है. कोरोना काल में दो साल तक व्यापार और काम धंधे बंद पड़े रहे. ऐसे में देवी प्रतिमा बनाने वाले कारीगर भी बेरोजगार हो गए थे. लेकिन इस बार प्रतिमा कारीगरों को मूर्तियों की भारी ऑर्डर मिली है. जिससे मूर्तिकार खासा उत्साहित (enthusiasm shown in the sculptor) हैं. वहीं, इस बार एक फीट से 10 फीट तक की प्रतिमा तैयार की जा रही है.

500 से लेकर एक लाख तक की मूर्तियां: मूर्तिकार शंकर ने बताया कि 500 से लेकर एक लाख रुपए तक की देवी प्रतिमा तैयार की जा रही है. कारीगरों ने बताया कि उनका पूरा परिवार इस काम मे जुटा है. वहीं, लोग अभी से ही मूर्तियों की खरीदारी और बुकिंग भी शुरू (Buying and booking of idols started) कर दिए हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में बंगाल के मूर्तिकार माता रानी की मूर्तियां बना रहे हैं.

बंगाल की मिट्टी से बन रही ईको फ्रेंडली मूर्तियां

इसे भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के दौरान क्या काम करें और क्या नहीं, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

शहर के भूपालपुरा इलाके के बंग भवन में अबकी इको फ्रेंडली मूर्तियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है. वहीं, बंगाल के मूर्तिकार शंकर ने बताया कि वो पिछले तीन-चार महीनों से लगातार मूर्ति बनाने में व्यस्त हैं. इस बार उदयपुर और उसके आसपास के जिलों से भी लगातार मूर्तियों की ऑर्डर आ रही है.

उदयपुर: शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू होने जा (Preparation for Sharadiya Navratri begins) रहा है, जिसको लेकर बाजारों में अभी से की रौनक दिखने लगी है. कोरोना के दो साल बाद एक बार फिर से नवरात्रि को धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. तैयारियां अंतिम चरण में हैं. मंदिरों में रंग रोगन किया जा रहा है तो वहीं, गरबा पंडालों में स्थापित की जाने वाली माता की प्रतिमा भी बनाई जा रही है. कोरोना काल में दो साल तक व्यापार और काम धंधे बंद पड़े रहे. ऐसे में देवी प्रतिमा बनाने वाले कारीगर भी बेरोजगार हो गए थे. लेकिन इस बार प्रतिमा कारीगरों को मूर्तियों की भारी ऑर्डर मिली है. जिससे मूर्तिकार खासा उत्साहित (enthusiasm shown in the sculptor) हैं. वहीं, इस बार एक फीट से 10 फीट तक की प्रतिमा तैयार की जा रही है.

500 से लेकर एक लाख तक की मूर्तियां: मूर्तिकार शंकर ने बताया कि 500 से लेकर एक लाख रुपए तक की देवी प्रतिमा तैयार की जा रही है. कारीगरों ने बताया कि उनका पूरा परिवार इस काम मे जुटा है. वहीं, लोग अभी से ही मूर्तियों की खरीदारी और बुकिंग भी शुरू (Buying and booking of idols started) कर दिए हैं. शहर के अलग-अलग इलाकों में बंगाल के मूर्तिकार माता रानी की मूर्तियां बना रहे हैं.

बंगाल की मिट्टी से बन रही ईको फ्रेंडली मूर्तियां

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शहर के भूपालपुरा इलाके के बंग भवन में अबकी इको फ्रेंडली मूर्तियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है. वहीं, बंगाल के मूर्तिकार शंकर ने बताया कि वो पिछले तीन-चार महीनों से लगातार मूर्ति बनाने में व्यस्त हैं. इस बार उदयपुर और उसके आसपास के जिलों से भी लगातार मूर्तियों की ऑर्डर आ रही है.

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