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Janmashtami 2023: श्रीनाथजी में आज धूमधाम से मनाई जाएगी जन्माष्टमी, रात 12 बजे 21 तोपों की सलामी

जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान श्रीनाथजी के दरबार में उत्सव सा माहौल देखने को मिलेगा. भगवान कृष्ण के जन्म के समय रात बजे 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.

Janmashtami 2023 in Nathdwara Shrinathji Temple
श्रीनाथजी में कल धूमधाम से मनाई जाएगी जन्माष्टमी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2023, 4:12 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 10:00 AM IST

उदयपुर. प्रदेश में आज जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. मेवाड़ में भी जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है. राजसमंद के नाथद्वारा में स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ भगवान श्रीनाथजी के दरबार में जन्माष्टमी मनाने के लिए बड़ी संख्या में वैष्णव जन पहुंच रहे हैं. नाथद्वारा की होटल रिसोर्ट और धर्मशाला भी करीब 80 फीसदी से ज्यादा बुक हो चुकी हैं. वहीं भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के समय 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.

धूमधाम से मनाया जाएगा जन्मोत्सव: नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में 7 सितंबर को जन्माष्टमी तथा 8 सितंबर को नंद महोत्सव मनाया जाएगा. वहीं पुष्टिमार्गीय परंपरानुसार श्रीनाथजी की सेवा ठाठ-बाट से की जाएगी. जन्माष्टमी पर सुबह 4:45 बजे पंचामृत स्नान व मंगला आरती के दर्शन होंगे. प्रभु को राजभोग दिन में 12:15 बजे लगाया जाएगा. प्रतिवर्ष की भांति जागरण 9 से अर्धरात्रि 12 बजे तक होंगे. रात्रि 12 बजे जन्म की खुशियां स्थानीय रिसाला चौक में 21 तोपों की सलामी दे कर मनाई जाएगी. वहीं संध्या समय निकलने वाली शोभायात्रा भी आर्कषक का केंद्र रहेगी.

पढ़ें: Janmashtami Special: ब्रज से मेवाड़ जाते अजमेर में रुके थे श्रीनाथजी 42 दिन, जन्माष्टमी पर दर्शनों के लिए आते हैं श्रद्धालु

8 सितंबर को रहेंगे ये प्रोग्राम: अगले दिन 8 सितंबर को सुबह 7:30 से 11:00 बजे तक नंद उत्सव मनाया जाएगा. जन्मोत्सव कि खुशी ग्वाल बाल दूध-दही से होली खेल कर मनाते हैं. मंदिर में दर्शन करने आने वाले सभी लोगों पर हल्दी केसर युक्त दूध-दही का छिड़काव किया जाएगा. आम दिनों में यहां करीब 4 से 5 हजार लोग दर्शन करने आते है, लेकिन जन्माष्ठमी पर लगभग 70 हजार से एक लाख तक लोगों अपने आराध्य देव के दर्शन आते है.

पढ़ें: Krishna Janmashtami 2023: अष्टमी 6 को लेकिन व्रत और लल्ला का जन्म 7 को, मंदिरों में नहीं बजेंगे झालर-घंटी

श्रीनाथजी आज से करीब 350 वर्ष पूर्व जब से मेवाड़ पधारे, तब से अब तक इस परंपरा को हर वर्ष निभाया जा रहा है. नाथद्वारा को बृज का ही एक रूप मानकर यहां भी आसपास के गांवों में लोगों में भगवान श्री कृष्ण को लेकर गहरी आस्था है. रात्रि 12 बजे तोपों की आवाज सुनकर श्री कृष्ण जन्म की खुशियां मनाते हैं. सिर्फ नाथद्वारा ही नहीं वरन आसपास के कई गांवों-शहरों से लोग श्रीनाथजी के दर्शन करने को आते हैं.

उदयपुर. प्रदेश में आज जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. मेवाड़ में भी जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है. राजसमंद के नाथद्वारा में स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ भगवान श्रीनाथजी के दरबार में जन्माष्टमी मनाने के लिए बड़ी संख्या में वैष्णव जन पहुंच रहे हैं. नाथद्वारा की होटल रिसोर्ट और धर्मशाला भी करीब 80 फीसदी से ज्यादा बुक हो चुकी हैं. वहीं भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के समय 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.

धूमधाम से मनाया जाएगा जन्मोत्सव: नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में 7 सितंबर को जन्माष्टमी तथा 8 सितंबर को नंद महोत्सव मनाया जाएगा. वहीं पुष्टिमार्गीय परंपरानुसार श्रीनाथजी की सेवा ठाठ-बाट से की जाएगी. जन्माष्टमी पर सुबह 4:45 बजे पंचामृत स्नान व मंगला आरती के दर्शन होंगे. प्रभु को राजभोग दिन में 12:15 बजे लगाया जाएगा. प्रतिवर्ष की भांति जागरण 9 से अर्धरात्रि 12 बजे तक होंगे. रात्रि 12 बजे जन्म की खुशियां स्थानीय रिसाला चौक में 21 तोपों की सलामी दे कर मनाई जाएगी. वहीं संध्या समय निकलने वाली शोभायात्रा भी आर्कषक का केंद्र रहेगी.

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8 सितंबर को रहेंगे ये प्रोग्राम: अगले दिन 8 सितंबर को सुबह 7:30 से 11:00 बजे तक नंद उत्सव मनाया जाएगा. जन्मोत्सव कि खुशी ग्वाल बाल दूध-दही से होली खेल कर मनाते हैं. मंदिर में दर्शन करने आने वाले सभी लोगों पर हल्दी केसर युक्त दूध-दही का छिड़काव किया जाएगा. आम दिनों में यहां करीब 4 से 5 हजार लोग दर्शन करने आते है, लेकिन जन्माष्ठमी पर लगभग 70 हजार से एक लाख तक लोगों अपने आराध्य देव के दर्शन आते है.

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श्रीनाथजी आज से करीब 350 वर्ष पूर्व जब से मेवाड़ पधारे, तब से अब तक इस परंपरा को हर वर्ष निभाया जा रहा है. नाथद्वारा को बृज का ही एक रूप मानकर यहां भी आसपास के गांवों में लोगों में भगवान श्री कृष्ण को लेकर गहरी आस्था है. रात्रि 12 बजे तोपों की आवाज सुनकर श्री कृष्ण जन्म की खुशियां मनाते हैं. सिर्फ नाथद्वारा ही नहीं वरन आसपास के कई गांवों-शहरों से लोग श्रीनाथजी के दर्शन करने को आते हैं.

Last Updated : Sep 7, 2023, 10:00 AM IST
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