उदयपुर. झीलों की नगरी में आयोजित जी-20 की बैठकों के दौरान सभी शेरपा मंगलवार देर शाम शिल्पग्राम पहुंचे. सभी शेरपाओं ने शिल्पग्राम की कला-संस्कृति का जमकर लुत्फ उठाया. राजस्थान की गौरवशाली नृत्य व संगीत परंपराओं को प्रदर्शित करती लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों को अन्य देशों से पधारे जी-20 शेरपा एकटक निहारते रह गए.
मिट्टी व अन्य धातुओं से बनी विभिन्न सजावटी कलाकृतियों को देख अभिभूत हुए. इस दौरान ब्राजील के शेरपा ने कच्छी घोड़ी डांस किया. वहीं, कई अन्य शेरपा ऊंट पर बैठकर (Glimpses of Shilpgram) शिल्पग्राम का दौरा करते नजर आए. इस दौरान विदेशी अतिथियों ने यहां के लोक कलाकारों के साथ जमकर फोटो भी खिंचवाए.
शिल्पकारों ने बिखेरी आभाः विदेशी अतिथियों के शिल्पग्राम भ्रमण दौरान (Folk Art of Rajasthan) कई मृण शिल्पकारों ने अपनी कला का जादू बिखेरा. इस दौरान पोकरण से आए शिल्पकार मिश्रीलाल ने परंपरागत चाक पर मिट्टी की कलाकृतियों को बना कर दिखाया. वहीं, रावलिया कला गोगुंदा के रमेश कुमार ने मोलेला की माटी से महाराणा प्रताप की प्रतिमा को तैयार कर अपने अनूठे कला कौशल को उजागर किया.
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इस दौरान शिल्पग्राम में राजस्थानी संस्कृति को देखकर दुनिया भर से आए शेरपा भी अभिभूत नजर आए. किसी ने रेगिस्तान के जहाज ऊंट की सवारी की तो किसी ने लोक कलाकारों के साथ (Sherpas Enjoyed a Lot in Udiapur Shilpgram) जमकर ठुमके लगाए. इस दौरान शिल्पग्राम में लगाई गई अलग-अलग स्टॉल पर शेरपा खरीदारी करते हुए भी नजर आए. दुनिया भर से आए शेरपा अलग-अलग दृश्यों को अपने मोबाइल फोन पर में भी कैद करते हुए नजर आए. इस दौरान कई महिला शेरपा ने अपने हाथों पर मेहंदी भी रचवाई.