उदयपुर. राजस्थान की आबकारी विभाग ने जहां मदिरा के ठेकों की अंतिम आवेदन तिथि को बढ़ा दिया है. वहीं आवेदकों को लुभाने के लिए अपनी नीति में भी संशोधन किया है. बता दें कि आबकारी विभाग ने यह सारा बदलाव आवेदकों की कमी के चलते किया है.
राजस्थान सरकार की नई आबकारी नीति में आवेदन के साथ अमानत राशि की बाध्यता को खत्म कर दिया गया था. सरकार की मंशा इस फैसले को लेकर थी कि ऐसा करने पर अधिक संख्या में आवेदक आएंगे. लेकिन सरकार का यह फैसला उल्टा पड़ता नजर आया, जिसके बाद अब रातों-रात सरकार ने अपनी नीति में संशोधन किया है. आवेदकों को लुभाने का फैसला किया है.
जी हां अंतिम दिन तक आवेदनों की संख्या की कमी के बाद जहां आबकारी विभाग ने राज्य में आबकारी ठेकों के आवेदन की अंतिम तारीख 3 मार्च कर दी है. जबकि पहले यह तारीख 26 मार्च थी. बता दें कि सरकार ने यह निर्णय पिछले साल के मुकाबले कम आवेदन आने के चलते लिया और संशोधित नीति के तहत व्यापारियों को लुभाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिसके तहत अब व्यापारियों को आश्वस्त किया गया है कि अंग्रेजी शराब और बीयर को कम उठाओ. किसी में अब उन्हें 20 और 10 रुपये प्रति लीटर राशि ही देनी होगी. पूर्व में यह राशि 30 और 20 रुपये प्रति लीटर थी. इसके अलावा बिक्री बढ़ाने के लिए अंग्रेजी शराब के पव्वे उतारने पर रजामंदी दे दी गई है. विभाग को उम्मीद है की तिथि बढ़ने में स्कीम का फायदा लेने के लिए निश्चित रूप से व्यापारी अब ब्लाक में आवेदन कर सकेंगे
कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि आबकारी नीति में सरकार ने अंग्रेजी शराब की दुकान का आवेदन शुल्क 28 हजार कर अमानत राशि की बाध्यता समाप्त की थी. उम्मीद थी कि अमानत राशि के बराबर कारोबारी एक से अधिक आवेदन कर खजाना चल पाएंगे. लेकिन कारोबारियों ने आवेदन कम करते हुए विभाग के उम्मीद पर पानी फेर दिया.
गौरतलब है कि आबकारी आवेदन से विशुद्ध रूप से 1 हजार करोड़ की आमदनी करता है. लेकिन इस बार आवेदक कमाने से खजाना खाली रह गया, जिसके बाद आबकारी विभाग ने अपनी नीति में संशोधन करने के साथ ही आवेदन की तिथि बढ़ा दी है.