उदयपुर. रबड़ी का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है. राजस्थान के उदयपुर में रबड़ी की एक पुरानी दुकान है, जिसकी चर्चा न सिर्फ उदयपुर में, बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी है. यहां की रबड़ी का स्वाद ऐसा है कि जो भी इसे एक बार खाता है, इसका दीवाना हो जाता है. ये है उदयपुर शहर में स्थित गुड्डू भाई की रबड़ी, जिसका जायका लेने के लिए बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग पहुंचते हैं. यहां की रबड़ी भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ पड़ोसी राज्य गुजरात में भी खासी पसंद की जाती है.

चार पीढ़ियां खिला रही रबड़ी : उदयपुर शहर मास्टर कॉलोनी में स्थित गुड्डु भाई की रबड़ी ऐसी मिठाई है, जिसको सर्दी के दिनों में ज्यादा खाया जाता है. हालांकि, अब रबड़ी का स्वाद लोगों को इतना भाने लगा है कि 12 महीने ही इसे शौक से खाया जाता है. यहां रबड़ी की कीमत 300 रुपए किलो है. दुकान के मालिक गुड्डू भाई ने बताया कि उनके दादा ने इस दुकान की शुरुआत की थी. इसके बाद उनके पिता ने दुकान संभाली. पिता के बाद वो और उनके बेटे भी अब दुकान संभाल रहे हैं. गुड्डु भाई के अनुसार हर रोज लोग करीब 40 किलो रबड़ी खा जाते हैं. इतना ही नहीं उदयपुर घूमने आने वाले पर्यटक भी अपने साथ रबड़ी लेकर जाते हैं. इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज है, उनके लिए फीकी रबड़ी भी यहां मिलती है.

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ऐसे बनती है रबड़ी : रबड़ी का स्वाद ऐसा है कि देखते ही मुंह में पानी आने लगे. गुड्डु भाई बताते हैं कि शादी पार्टी के विशेष ऑर्डर भी लिए जाते हैं. उदयपुर ही नहीं, दूसरे राज्यों तक गुड्डु भाई की रबड़ी का स्वाद फेमस है. दूर-दूर से लोग रबड़ी का ज़ायका लेने आते हैं. रबड़ी बनाने के लिए सबसे पहले बड़ी संख्या में कढ़ाई में दूध लिया जाता है, जिसको काफी गर्म होने दिया जाता है. दूध में उबाल आने के बाद खोचे से चलाया जाता है. इस दौरान गैस की कम आंच पर इसको पकाया जाता है. वहीं, कुछ समय बाद दूध में आ रहे लच्छे चम्मच से एक तरफ किए जाते हैं. जब दूध गाढ़ा होकर बदामी रंग का हो जाता है, तब उसमें स्वाद अनुसार शक्कर डाली जाती है. इस तरह जायकेदार रबड़ी तैयार हो जाती है. गुड्डू भाई ने बताया कि वह अपने घर पर ही रबड़ी बनाते हैं. रोजाना सुबह करीब 5 बजे से यह काम शुरू होता है जो दिन में 12 बजे तक चलता है. इसमें शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है.