उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में मंगलवार से तीन दिवसीय जी-20 की दूसरी बैठक का आयोजन शुरू होगा. इसको लेकर सोमवार को भारत सरकार के अधिकारियों ने विस्तार से बैठक की जानकारी साझा की. जी-20 द्वितीय सतत् वित्त कार्य समूह की बैठक से पूर्व डीईए सलाहकार गीतू जोशी, चांदनी रैना और डीईए निदेशक जितेंद्र सिंह राजे ने बताया कि भारत के जी-20 की अध्यक्षता के तहत द्वितीय जी 20 सतत् वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की बैठक 21 से 23 मार्च को उदयपुर में हो रही है.
तीन दिवसीय बैठक का आयोजन: तीन दिवसीय बैठक में कई देशों के 90 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे. इसके अलावे भारत सरकार द्वारा आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सदस्य भी शामिल होंगे. वह साल 2023 के लिए कार्य योजना और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर गहन चिंतन करेंगे. जी-20 सतत वित्त कार्य समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की प्रथम बैठक 2-3 फरवरी, 2023 को असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित की गई थी. जहां सदस्यों ने वर्ष 2023 में एसएफडब्ल्यूजी कार्य योजना के लिए व्यापक समर्थन और सहयोग की बात कही थी.
जी-20 सतत वित्त कार्य समूह की द्वितीय बैठक में पिछली मीटिंग के विषयों पर हुए चर्चा को आगे बढ़ाएंगे. बीते बैठकों में चिंहित तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा जारी रह सकती है. पहला-जलवायु वित्त के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए, दूसरा-सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त का प्रभावी प्रबंध करना, और तीसरा- सतत विकास की दिशा में वित्तपोषण व पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता के निर्माण पर दोबारा विचार करने की संभावना है.
दो दिवसीय कार्यशाला: जी-20 की बैठक में दो कार्यशालाओं की योजना बनाई गई है. पहला- सतत निवेश का समर्थन करने के लिए गैर-मूल्य निर्धारण नीति की उपयोगिता पर, और दूसरा- सतत विकास लक्ष्यों के लिए प्रभावी वित्त व्यवस्था पर. इन कार्यशालाओं से प्रासंगिक विषयों पर विस्तृत चर्चा और अंतर्दृष्टि के लिए विशेषज्ञों के विचार, अनुभव और तकनीकी जानकारी के आदान-प्रदान की संभावना है. सतत निवेश का समर्थन करने के लिए गैर-मूल्य निर्धारण नीति की उपयोगिता पर जी 20 का वर्कशॉप आज होगी. इसमें राष्ट्रीय परिस्थितियों और राष्ट्रीय स्तर पर परिभाषित विकास प्राथमिकताओं पर उचित विचार के साथ कम कार्बन विकास को सक्षम करने में गैर-मूल्य निर्धारण नीति की उपयोगिता पर केंद्रित होगी.
जी-20 दूसरी कार्यशाला 22 मार्च को आयोजित की जाएगी. इसका उद्देश्य यह है कि जी 20 सदस्य देशों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके. सतत विकास लक्ष्यों के लिए अधिक से अधिक वित्तपोषण की दिशा में नीति और अन्य सिफारिशों को मजबूती से लागू किया जा सके. यह पहली बार है जब एसएफडब्ल्यूजी जलवायु संबंधी मुद्दों से अलग हटकर मुख्य रूप से प्रकृति से संबंधित डाटा और रिपोर्टिंग और सामाजिक प्रभाव निवेश के माध्यम से चुनिंदा सतत विकास लक्ष्यों हेतु अधिकाधिक वित्तपोषण को संभव बनाने की दिशा में बातचीत कर रहा है.