उदयपुर. भारत की अध्यक्षता में पहली बार होने वाली G-20 शिखर सम्मेलन की शेरपा बैठक 5 से 7 दिसंबर उदयपुर में आयोजित होगी. इसको लेकर शासन-प्रशासन द्वारा तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा (G 20 Sherpa meeting preparations) है. बैठक के कारण जहां एक और शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. वहीं इस बैठक के कारण लंबे समय से रुके कई काम भी समय से पहले ही पूरे होते हुए नजर आ रहे हैं.
शहर के सेवाश्रम चौराहे पर यूआईटी के द्वारा बनाए जा रहे सेवाश्रम और ब्रिज का काम भी पूरा होता हुआ नजर आ रहा है. अब शेरपा बैठक से पहले इस और ब्रिज को जनता के लिए खोलने की बात सामने आ रही है. शुक्रवार को शेरपा बैठक की तैयारियों को लेकर जी-20 सचिवालय के संयुक्त सचिव नगराज नायडू उदयपुर दौरे पर रहे. उन्होंने अधिकारियों के साथ संभागीय आयुक्तालय सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक ली और तैयारियों को अंतिम रूप दिया. उन्होंने कहा कि जी-20 के लिए तैयार है उदयपुर.
नायडू ने कहा कि इस जी-20 इंटरनेशनल समिट के आयोजन से उदयपुर एक टेम्पलेट बनेगा और आगामी जी-20 बैठकों के लिए एक मिसाल बनेगा. नायडू ने कहा कि यह एक माइलस्टोन इवेंट है. यहां से हमारी जी-20 प्रेसिडेंसी को आगामी आयोजन के लिए दिशा मिलेगी. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय की टीम ने बैठकों से जुड़े सभी स्थानों सहित प्रतिनिधियों के घूमने के स्थानों का भी चयन कर लिया है. जी 20 देशों के प्रतिनिधियों की यह बैठक सिटी पैलेस स्थित दरबार हॉल में आयोजित होगी. संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि उदयपुर इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए तैयार है. सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं और जी-20 शेरपा बैठक का सफल आयोजन कर उदयपुर विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचाना बनाएगा.
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दुल्हन की तरह सजाया जा रहा शहर को: एयरपोर्ट से लेकर बैठक आयोजन स्थल, प्रवेश द्वारों व शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सड़कों के सुदृढ़ीकरण व सौंदर्यीकरण कार्यों को देखने पर लेकसिटी दुल्हन की तरह सजी हुई प्रतीत हो रही है. सड़कों की मरम्मत व सौंदर्यीकरण का काम तेजी पर है. इसी तरह झीलों की सफाई, हेरिटेज साइट्स की लाइटिंग, घाटों की सफाई व ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों तक की तमाम व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में संबंधित विभाग लगे हुए हैं और निर्धारित अवधि से पूर्व आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएंगी.
राजस्थानी संस्कृति से रूबरू करवाने की कोशिश: पर्यटन विभाग की उप निदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि सम्मेलन के जरिए मेवाड़ और राजस्थान की संस्कृति, कला और उत्सवों से भी विदेशी मेहमानों को रूबरू करवाया जाएगा. ताकि यहां के गणगौर उत्सव और गवरी जैसी विरासतों को भी पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा की तरह हेरिटेज पहचान मिल सके. इसको लेकर सरकार व प्रशासन शेरपा बैठक को बेहतरीन बनाने के लिए प्रयासरत है.
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ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध: अतिविशिष्ट जनों की मौजूदगी में आयोजित बैठकों की संवदेनशीलता और सुरक्षा को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ताराचंद मीणा ने शहर के होटल फतह प्रकाश, होटल लीला, उदयविलास जेटी, होटल लेक पैलेस व शिल्पग्राम के आस-पास के 2 किलोमीटर के क्षेत्र में समस्त प्रकार की ड्रोन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है. वहीं माणक चौक में जैसे ही मेहमान प्रवेश करेंगे, तो यहां रावणहत्था की स्वर लहरियां बिखरेंगी. इसके बाद उन पर पुष्प वर्षा होगी. स्टेज पर विभिन्न रंगों की लाइटिंग व कई प्रकार के इत्रों की महक हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करेगी. मेहमानों का स्वागत मेवाड़ी व्यंजन और बोली से किया जाएगा.