उदयपुर. वन विभाग की ओर से इको टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किए गए वन भ्रमण कार्यक्रम का चौथा संस्करण शनिवार को संपन्न हुआ. इसमें प्रकृति प्रेमी दक्षिणी राजस्थान के प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित रोमांचकारी पर्यटन स्थल गोरमघाट का भ्रमण किए. वन भ्रमण की शुरुआत चेतक सर्कल स्थित वन विभाग कार्यालय से हुई. करीब 70 यात्रियों के दल को वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट शरद अग्रवाल, विनय दवे और कनिष्क कोठारी ने यात्रा से पूर्व ब्रीफ्रिंग की. इसके बाद बसों में सवार होकर प्रकृति प्रेमियों की टीम रोमांचक सफर के लिए रवाना हुई, जो यात्री बसों के माध्यम से कांकरोली पहुंचे. यहां से ट्रेन में बैठकर आकर्षक ट्रैक का आनंद उठाए. इस दौरान हरीतिमा से आच्छादित अरावली की विशाल छितराई पर्वतमालाओं को देखकर सभी खुशी हुए. वहीं, युवाओं ने इस दौरान जमकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का आनंद उठाया.
विशाल जलप्रपात का उठाया लुत्फ - यात्री गोरमघाट पहुंचकर करीब एक किलोमीटर की ट्रैकिंग कर जोगमंडी जलप्रपात पहुंचे, जहां उन्होंने खूब मौजमस्ती की. ठंडे और गर्म पानी के इस विशाल जलप्रपात पर करीब दो घंटे तक आनंद उठाने के साथ ही वापस लौटती ट्रेन को देखकर रोमांचित हुए. इस बीच पर्यावरणीय विषयों के जानकार विनय दवे ने यात्रियों को गोरमघाट की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और यहां के पर्यावरणीय महत्व के साथ ही यहां की वनस्पतियों, वन्यजीवों व पक्षियों की विस्तार से जानकारी दी.
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अगला वन भ्रमण फुलवारी की नाल - उप वन संरक्षक अरुण कुमार ने बताया कि प्रकृति प्रेमियों की मांग को देखते हुए वन भ्रमण की अगली कड़ी में 20 अगस्त को फुलवारी की नाल पानरवा का भ्रमण कराया जाएगा. गौरतलब है कि वन भ्रमण की शुरुआत भी फुलवारी की नाल से हुई थी. वहीं, 27 अगस्त को जवाई बांध अथवा सीतामाता अभयारण्य का भ्रमण कार्यक्रम रहेगा.