उदयपुर. शहर के ऐतिहासिक जगदीश मंदिर में लगे ड्रेस कोड के पोस्टर को गुरुवार को देवस्थान विभाग के अधिकारियों ने हटवा दिए थे. इसके दूसरे दिन ही शुक्रवार को आम लोगों ने फिर से मंदिर के बाहर पोस्टर लगा दिए. इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और भक्त मौजूद रहे. बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने देवस्थान विभाग की ओर से पोस्टर हटाए जाने का विरोध भी किया.
देवस्थान विभाग ने हटाए पोस्टर : दरअसल पिछले दिनों मंदिर से जुड़े हुए लोगों ने मंदिर के बाहर और अंदर ड्रेस कोड से जुड़े हुए पोस्टर लगाए थे. गुरुवार को देवस्थान विभाग के अधिकारी जगदीश मंदिर पहुंचे और उन पोस्टरों को उन्होंने हटा दिया. मामले की सूचना मिलने के साथ ही स्थानीय लोग और भक्त शुक्रवार को जगदीश मंदिर पहुंचे और देवस्थान विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोबारा पोस्टर लगा दिए. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मंदिर के पुजारी और भक्तों ने कहा कि यह पोस्टर सनातन धर्म को ध्यान में रखते हुए लगाए गए थे, लेकिन अचानक देवस्थान विभाग ने पोस्टर हटा दिए.
मंदिर के पुजारी और भक्तों का ये है कहना : जगदीश मंदिर के पुजारी हेमेंद्र का दावा है कि ड्रेस कोड को लेकर जो पोस्टर लगाए गए थे, उन्हें देवस्थान विभाग ने जबरदस्ती हटा दिए. देवस्थान विभाग को मर्यादा की पालना करनी चाहिए थी, वही मर्यादा तोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देवस्थान विभाग ने पोस्ट हटाकर सनातन संस्कृति के साथ कुठाराघात किया गया है, लेकिन भक्तों ने देवस्थान विभाग के पोस्ट हटाए जाने के बाद फिर पोस्टर लगा दिए हैं.
भक्तों ने पोस्टर हटाने को लेकर जताया विरोध : भगवान जगदीश के दर्शन करने पहुंचीं प्रियंका ने कहा कि मंदिर में मर्यादित कपड़े पहनने को लेकर लगाया गया पोस्टर अच्छी पहल है. देवस्थान विभाग ने जिस तरह पोस्ट हटा दिए, यह बहुत गलत है. मंदिक कोई क्लब और बार नहीं, यह आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. यहां मर्यादाओं का पालन जरूर होना चाहिए.
पोस्टर में यह लिखा था : पोस्टर में लिखा था कि सभी भक्तों को सूचित किया जाता है कि श्री जगदीश मंदिर परिसर में शॉर्ट, टी शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. कृपया इस नियम का विशेष ध्यान रखें. ऐसा करने पर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा.