उदयपुर. प्रदेश में धूमधाम के साथ रोशनी का त्योहार दिवाली का पर्व मनाने की तैयारी की जा रही है. उदयपुर में भी विश्व प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में धनतेरस से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. रविवार को दिवाली के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए महालक्ष्मी मंदिर पहुंचेंगे. इसे देखते हुए प्रशासन और मंदिर की ओर से विशेष तैयारी की गई है.
उदयपुर का विश्व प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर मेवाड़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में मशहूर है. मंदिर 400 वर्ष पुराना बताया जाता है. देश भर के प्राचीन महालक्ष्मी मंदिरों में शामिल राजस्थान के मेवाड़ स्थित 400 साल पुराने उदयपुर के महालक्ष्मी मंदिर की महिमा जितनी कही जाए कम है. यहां माता रानी को विशेष श्रृंगार भी कराया जाता है.
भव्य तरीके से मंदिर को सजाया: शहर भट्टियाणी चोहट्टा स्थित महालक्ष्मी मंदिर का इतिहास 400 वर्ष पुराना है. महाराणा जगत सिंह के शासन काल मे यह मंदिर बना था. महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण राज्य में प्रजा के वैभव और विस्तार के उद्देश्य से किया गया था. यहां स्थापित 'माताजी' की मूर्ति भी विशेष है, जिसमे हाथी सूंड से जल कलश से 'लक्ष्मीजी' के अभिषेक करते हुए दिख रहा है. मेवाड़ में श्राद्धपक्ष की अष्टमी पर प्राचीनकाल से ही गज सवार लक्ष्मी की पूजा होती है एवं महिलाएं अष्टमी का व्रत अनुष्ठान करती हैं.
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महालक्ष्मी मंदिर में दीपोत्सव पर्व: महालक्ष्मी मंदिर में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन धूमधाम से इस वर्ष किया जा रहा है. धनतेरस से लेकर दीपावली एवं गोवर्धन पूजा के लिए विशेष आयोजन किए जा रहे हैं. 12 नवंबर को दीपावली के दिन सुबह 4 बजे से दर्शन शुरू हो जाएंगे. इस दिन मइया को स्वर्ण जड़ित विशेष साड़ी एवं आभूषण पहनाए जाएंगे. मंदिर से जुड़े जतिन श्रीमाली ने बताया कि दीपावली के अवसर पर माता रानी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि करीब 3:30 लाख रुपए की पोशाक तैयार की गई है, जो स्वर्ण जड़ित है. इसके साथ ही स्वर्ण आभूषणों से माता रानी को सजाया जाएगा. वहीं, मंदिर के अंदर और बाहर विशेष सजावट की गई है. उन्होंने बताया कि 14 नवम्बर को शाम 5 बजे अन्नकूट धराया जाएगा. अन्नकूट के प्रसाद का वितरण 15 नवंबर से अगले तीन दिनों तक किया जाएगा. दीपोत्सव पर चारों दिन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर दिनभर खुला रहेगा. मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर विभिन्न समितियां बनाई गई हैं.