उदयपुर. देश-दुनिया में उदयपुर की पहचान बन चुकी जगन्नाथ रथ यात्रा कल गाजे-बाजे के साथ शहर के प्रमुख मार्गों पर निकलेगी. बता दें कि देश की तीसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा उदयपुर की जगन्नाथ रथ यात्रा को माना जाता है और कल यानी गुरुवार को उदयपुर में शहर के प्रमुख मार्गों पर भगवान जगन्नाथ रथ में सवार होकर निकलेंगे.
रथ यात्रा संचालक समिति के पदाधिकारियों की मानें तो इस बार रथ यात्रा में चार विभिन्न रथ होंगे. जिनमें एक रथ मंदिर प्रांगण में होगा, जबकि तीन रथों को शहर भ्रमण पर निकाला जाएगा. इसी के साथ अन्य कई वाद्य यंत्रों के साथ झांकियां शहर भर में निकाली जाएंगी. रथ यात्रा संचालक समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि इस बार रथ यात्रा में लगभग 60 से 70 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. वहीं, इस बार रथ यात्रा में अन्य रथों को भी शामिल किया गया है तो साथ ही मुख्य रथ पर 51 किलो चांदी लगाई गई है. जिस पर भगवान जगन्नाथ बैठकर नगर भ्रमण करेंगे.
आपको बता दें कि मेवाड़ की रथ यात्रा की शुरुआत पूर्व महाराजा जगत सिंह प्रथम ने सन 1652 से जगदीश मंदिर परिसर से शुरू की थी. जगन्नाथ पुरी उड़ीसा की तर्ज पर पहली बार भगवान जगन्नाथ स्वामी झीलों की नगरी में भ्रमण पर सन 1995 में आषाढ़ शुक्ल दतिया को ढाई सौ साल पुरानी पारंपरिक रथ में सवार होकर निकले थे. वह भी महज 5 से 6 सौ श्रद्धालुओं के साथ. लेकिन आज उदयपुर की रथ यात्रा ऐतिहासिक हो गई है.
अब रथ यात्रा में लगभग 70 हजार लोग शामिल होते हैं तो वहीं उदयपुर के साथ दूरदराज के लोग भी भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए उदयपुर पहुंचते हैं. रथ यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर जहां जिला प्रशासन ने अलग से कमेटी का गठन कर दिया है तो वहीं आम से खास सभी भगवान के दर्शन को लेकर खासा उत्साहित हैं. ऐसे में सभी को इंतजार है तो गुरुवार का, जब भगवान जगन्नाथ रथ में सवार होकर शहरवासियों को अपना दर्शन देंगे.