उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर की अपेक्षा सिंघवी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ अब खुद का स्टार्टअप खड़ा किया है. अपेक्षा सिंघवी 2009 की चार्टर्ड अकाउंटेंट टॉपर है. सिंघवी ने एक प्रतिष्ठित कंपनी में कई वर्षों तक काम किया, जहां उनका 20 लाख रुपए का सालाना पैकेज था. लेकिन खुद का व्यवसाय शुरू करने की उनकी इच्छा और बुलंद इरादों ने उन्हें नई उड़ान दी. उन्होंने पिछले वर्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ते हुए लॉन्ड्री का कारोबार शुरू करने की योजना बनाई. इसे लेकर सिंघवी ने अपने परिवार और अपने पति से अपने रोजगार को लेकर विस्तार से उन्हें अपने प्लान के बारे में बताया.
लाखों की नौकरी छोड़ स्वयं का स्टार्टअप खड़ा किया : साल 2009 में चार्टर्ड अकाउंटेंट में टॉपर रही अपेक्षा सिंघवी ने वेदांता ग्रुप में काम किया, लेकिन उनकी इच्छा खुद का कारोबार खड़ा करने और अपने स्टार्टअप से अन्य लोगों को रोजगार देने की मन में इच्छा थी. इसे देखते हुए उन्होंने झीलों की नगरी उदयपुर में लॉन्ड्री का कारोबार शुरू किया. इस काम में उनके परिवार के लोगों ने भी उनकी आगे बढ़कर मदद की इसी की बदौलत उन्होंने सबसे पहले लॉन्ड्री का छोटा प्लांट लगाया. देखते ही देखते उनका ही व्यवसाय आगे बढ़ता गया. अब करीब 50 से ज्यादा होटलों के कपड़े धुलाई के लिए उनके पास आते हैं. इसके साथ ही अपेक्षा ने अब अपने प्लांट पर 25 अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही हैं.
स्टार्टअप से मिली पहचान : 10 सालों तक एक नामी कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया. आज लॉन्ड्री के इस काम में उन्हें पहचान मिली है. इसके साथ ही अपेक्षा अब बिजनेसवुमन के रूप में पहचानी जाने लगी है. उदयपुर की नामी 50 से होटल्स, रिसोर्ट के कपड़े उनके पास धुलाई के लिए आते हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि 10 साल तक बेहतरीन काम करने के बाद अपने फैशन को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया. इस काम में उनके पति ने भी उनका सहयोग किया इसी की बदौलत है. आज उनका यह स्टार्टअप तेज गति से आगे बढ़ रहा है. उनके प्लांट पर कपड़े धुलाई के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें और कई लोग तीन शिफ्ट में काम करते हैं.
पहली बार में ही सीए की परीक्षा की टॉपर : अपेक्षा ने बताया कि उसने पहले ही प्रयास में सीए और सीएस की परीक्षा पास कर ली थी. जिसमें उन्हें इंडिया में टॉप रैंक में शामिल होने का मौका भी मिला था.उन्होंने बताया कि शुरुआत में कंपनी के साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन बचपन से ही खुद के लिए कुछ कारोबार और व्यवसाय खड़ा करने की लक्ष्य था. लॉन्ड्री का काम शुरू करने का उनके पास कोई अनुभव नहीं था. लेकिन मन में बुलंद इरादों और इच्छाशक्ति के बल पर यह स्टार्टअप शुरू किया. इस काम को सफल बनाने में उनके परिवार के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर उनकी मदद की जिस का ही परिणाम है. आज उनका व्यवसाय तेज गति से उदयपुर में आगे बढ़ रहा है.
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उदयपुर में बड़ी संख्या में होटल : देश-दुनिया लाखों की संख्या में टूरिस्ट झीलों की नगरी उदयपुर में घूमने के लिए आता है. यहां एक से बढ़कर एक नामचीन होटल हैं. अपेक्षा ने कहा कि इसे देखते हुए उनके मन में विचार आया कि क्यों ना लॉन्ड्री का काम शुरू किया जाए. अब इस व्यवसाय से वह अच्छा खासा पैसा भी कमा रही है और अन्य लोगों को रोजगार दे रही हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा और बड़ा नहीं होता आज के दौर में युवा नौकरी की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भी अपने स्टार्टअप से जुड़कर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए.