उदयपुर. प्रदेश के भारतीय संचार निगम लिमिटेड में जीएम के पद पर कार्यरत आनंद सिंह परिहार को हाल ही में केंद्र के आदेश के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई. सेवानिवृत्ति के बाद आनंद BSNL के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं तो वहीं BSNL के निजीकरण को लेकर भी अपनी बात भी रख रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच आनंद की आंखों में अभी भी बीएसएनएल से दूर होने का दर्द छलक रहा है.
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा नवंबर में बीएसएनएल की बिगड़ी स्थिति को सुधारने के लिए 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई थी. इस योजना के तहत अकेले उदयपुर में 301 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. जिसमें आनंद सिंह भी शामिल थे. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद जहां आनंद इसे केंद्र का आदेश बता रहे हैं तो वहीं भविष्य में बीएसएनल के लिए घातक निर्णय भी करार दे रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला भारतीय संचार निगम लिमिटेड की माली हालत को सुधारने के लिए लागू किया है. लेकिन कर्मचारियों को उनकी तनख्वा का 25% अधिक देकर विदा किए जा रहा हैं, जो सोच से परे हैं. आनंद ने यह भी कहा कि जो टेक्निकल काम सालों से बीएसएनएल के कर्मचारी करते आ रहे हैं. अब देखना होगा कि आउटसोर्सिंग और ठेका प्रथा पर इन कार्यों में कितना सुधार हो पाता है.
बता दें कि भारतीय संचार निगम लिमिटेड की माली हालत को सुधारने के लिए देशभर में बीएसएनएल के 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जा रही है.
इसी कड़ी में उदयपुर में भी यह योजना लागू की गई है. लेकिन इस निर्णय पर लोग सवाल भी खड़े कर रहे हैं.