उदयपुर. सोमवार शाम को कर्मचारी संघ की बैठक में हुए हंगामे का असर दिखने लगा है. इसी मुद्दे पर एबीवीपी ने सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ के लोगों ने भी उनका समर्थन किया. 17 जनवरी 2022 को निजी कॉलेज संचालकों की बैठक का आयोजन किया गया थी. बैठक में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सीआर देवासी और वित्त नियंत्रण दलपत सिंह राठौड़ ने निजी संचालकों पर मारपीट और बदसलूकी का आरोप लगाया था.
इस पूरे मामले को लेकर रजिस्ट्रार ने निजी संचालकों के खिलाफ प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज कराया. रजिस्ट्रार ने अपने साथ हुई बदसलूकी और पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री, राजभवन और सरकार को ट्वीट करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति अमेरिका सिंह पर भी आरोप लगाए. रजिस्ट्रार ने ट्वीट करते हुए लिखा इस पूरे बैठक का आयोजन कुलपति के निर्देश में हुआ.लेकिन कुलपति खुद समय पर नहीं आए.इस दौरान प्राइवेट कॉलेज के संचालकों ने बदसलूकी की लेकिन इस पूरे मामले को लेकर कुलपति ने कहा कि मेरे सामने कोई अभद्रता नहीं हुई.
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रजिस्ट्रार ने कहा कि कुलपति मनमर्जी से विवि को चलाना चाहते हैं. मैं उनसे कई बार निवेदन कर चुका हूं कि हम प्रदेश की सरकार और यूजीसी के नियमों का उल्लंघन कर कोई भी काम नहीं कर सकते. निजी कॉलेजों में जीएसटी लेने या नहीं लेने के निर्णय के लिए ही बैठक बुलाई थी. लेकिन इस दौरान हमारे साथ धक्का-मुक्की हुई.
इस मामले को लेकर एबीवीपी के छात्र संघ के कार्यकर्ता ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. कर्मचारी संघ के अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह की घटनाएं कल सामने आईं इससे हम सब लोग नाखुश हैं. जिस तरह यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ बदतमीजी हुई यह बर्दाश्त योग्य (ABVP Protests Against MLSU VC) नहीं है. इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया.
कटारिया ने रजिस्ट्रार का किया समर्थन
मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी सोमवार को बैठक के बीच हुए हंगामे को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. जहां एक और रजिस्टर सीआर देवासी ने यूनिवर्सिटी के कुलपति पर षड्यंत्र का आरोप लगाया. अब इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए रजिस्ट्रार का समर्थन किया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया मंगलवार को उदयपुर के प्रवास पर रहे इस दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार सीआर देवासी को कटारिया ने बेहतरीन प्रशासनिक अधिकारी बताया. इस पूरे मामले पर अफसोस जताते हुए कहा कि एक हद के बाद गुंडागर्दी नहीं की जा सकती बर्दाश्त.
उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार देवासी विभिन्न पदों पर रहे हैं. ऐसे में मैंने उनके कार्य और काम को देखा है. वह बड़ी शालीनता से हर व्यक्ति की बात सुनते हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनके साथ विश्वविद्यालय में जिस तरह की घटना हुई, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पूरे मामले को लेकर कटारिया ने सुखाड़िया यूनिवर्सिटी कुलपति पर ही सवाल खड़े कर दिए.
उन्होंने कहा कि सारे घटनाक्रम में कुलपति की ने बैठक को बुलाया था लेकिन इस बीच इन्होंने पहले से कुछ लोगों को बुला लिया. कटारिया ने कहा कि ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम से साफ होता है कि कुलपति की गुंडागर्दी के खिलाफ कोई ना बोले. इसलिए इस तरह का षड्यंत्र रचा गया. इतना ही नहीं इस बैठक में को निर्धारित समय से 1 घंटे बाद आना और इस पूरे घटनाक्रम के घटित होने के बाद इस तरह की बात कहना कि मेरे सामने कोई घटना घटित नहीं हुई. कटारिया ने कुलपति अमेरिका सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी के दम पर काम करना चाहते हैं लेकिन उदयपुर में ऐसा नहीं होगा.
अलवर केस पर कटारिया-मामले को छुपाया नहीं जा सकता
इसके साथ ही अलवर केस पर उन्होंने प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला. कटारिया ने कहा कि दुर्भाग्य है कि इन सब मुद्दों पर राजनीति इतनी हावी हो जाती है. ऐसे में इस पूरे मामले की जांच कर रही अलवर एसपी जो एक महिला है लेकिन वह इस मामले को लेकर क्लीनचिट दे रही की मेडिकल बोर्ड के आधार पर रेप नहीं हुआ. ऐसे में कटारिया ने कहा कि जिस तरह से बच्चे को चोट आई ,उसे तो छुपाया नहीं जा सकता है लेकिन अब सरकार इस पूरे मामले में देर आए लेकिन दुरुस्त आए.अब पूरा मामला सीबीआई की जांच के लिए दिया गया है. अब सीबीआई को भी जल्द से जल्द इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए. जिससे आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले.