उदयपुर. राजसमंद के देवगढ़ में आग में झुलसे 75 साल के पुजारी नवरत्न की मौत हो गई है. उनका एमबी अस्पताल में इलाज चल रहा था. 20 नवंबर को बदमाशों ने घर में बैठे दंपति पर पेट्रोल बम से हमला कर जिंदा जलाने की कोशिश की थी (Ablaze Devgarh Priest passes away). इस हमले में दंपती 80 फीसदी तक झुलस गए थे. इस मामले में पीड़ित दंपती के बेटे ने स्थानीय सरपंच और विधायक पर गंभीर आरोप लगाया है. साथ ही सीएम गहलोत से न्याय की गुहार लगाई है. पुलिस ने मामले में सरपंच सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था.
क्या हुआ था?- पुजारी के बेटे मुकेश प्रजापत ने बताया था कि 20 नवंबर की शाम को वो अपनी दुकान पर काम कर रहा (Attack on Priest Couple with Petrol Bomb) था. दुकान बंद कर हम लोग खाना खाने गए थे. इसी दौरान 12 से अधिक लोग आए और उन्होंने सबसे पहले मुझे पकड़ा और एक रस्सी से एक कोने में बांध दिया. बदमाशों के हाथ में पेट्रोल भी था, जिसको उन्होंने मेरे माता-पिता पर छिड़क दिया आग लगा दी. वहीं, दुकान में भी आग लगा दी. इस दौरान मेरी आंखों के सामने मेरे पिता जलते हुए बाहर आए. मैं बार-बार चिल्ला रहा था, लेकिन कोई अंदर नहीं आया. काफी संघर्ष करके मेरे को बांधी हुई रस्सी को मैंने तोड़ा. उसके बाद पास में पड़ी हुई पानी की बाल्टी लेकर आया और जलते हुए माता-पिता पर पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की.
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स्थानीय विधायक पर आरोप- पीड़ित दंपती के पुत्र ने स्थानीय सरपंच विधायक सुदर्शन सिंह रावत और गांव के कई लोगों पर आरोप लगाया था. उसके मुताबिक लंबे समय से पुजारी परिवार मंदिर में पूजा-अर्चना करता आ रहा था, लेकिन स्थानीय सरपंच और विधायक ने मिलकर दूसरे आदमी को मंदिर में रखना चाह रहे थे. कथित तौर पर विधायक की शह पर मंदिर का ताला तोड़कर के दूसरे आदमी को मंदिर में पूजा करने के लिए लगाया गया.
बेटे ने बताया कि इस घटना के बाद 1 महीने से मेरे माता-पिता और हम लोग मंदिर नहीं जा रहे थे. मंदिर की जमीन पर स्थानीय सरपंच और विधायक सुदर्शन सिंह दुकान बनाना चाहते थे. गौरतलब है कि बेटे के मुताबिक उसने जमीन विवाद को लेकर पहले ही कामली घाट चौकी पर रिपोर्ट दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी.
मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विजयपुरा सरपंच मीना भाट के पति हरदेव भाट सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे मामले में लापरवाह मानते हुए उदयपुर आईजी प्रफुल कुमार ने देवगढ़ थाना प्रभारी शैतानसिंह नाथावत और कामलीघाट चौकी प्रभारी एसआई राजूसिंह को तत्काल निलंबित कर दिया. इस घटना के बाद रात से पुलिस की धरपकड़ कार्रवाई अभी तक जारी है. पुलिस के अनुसार हीरा की बस्सी, विजयपुरा निवासी पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत (75), उनकी पत्नी जमनादेवी (65), पुत्र रंगलाल प्रजापत अपने घर पर खाना खा रहे थे, तभी रात करीब साढ़े आठ से 9 बजे एक दर्जन लोगों ने हमला कर दिया.
देवनारायण मंदिर की जमीन का विवाद- देवगढ़ के कामलीघाट में पेट्रोल पम्प के सामने देवनारायण मंदिर की जमीन का विवाद है. इसको लेकर पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत ने सिविल न्यायालय में वाद दायर किया, जिस पर स्थगनादेश है. पुजारी की दो पीढ़ियां पूजा करती आई है, लेकिन विवाद के चलते कुछ लोग उन्हें पुजारी पद से हटाना चाहते हैं. इस बीच विपक्षी की ओर से न्यायालय में अपील की, जिसकी 3 दिसंबर 2022 को सुनवाई प्रस्तावित है. इससे पहले सरपंच मीनादेवी के पति हरदेव भाट और अन्य लोगों से लड़ाई झगड़ा व विवाद हुआ, तो पीड़ित नवरत्नलाल प्रजापत ने देवगढ़ थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट दे दी थी. पुजारी के पुत्र मुकेश प्रजापत का आरोप है कि थाने में रिपोर्ट देने के बावजूद पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. भीम विधायक सुदर्शनसिंह रावत के दबाव में पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप है.
पुजारी पर हमले की दी थी सुपारी- पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया पुजारी नवरत्नलाल प्रजापत पर पेट्रोल बम फेंक कर जिंदा जलाने की संगीन वारदात की सुपारी दी गई थी. इसके लिए 20 हजार रुपए की सुपारी देना सामने आ रहा है. इसी षड्यंत्र के तहत विजयपुरा सरपंच मीनादेवी के पति हरदेव सहित एक दर्जन युवकों ने इस वारदात को अंजाम दिया.
सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार को घेरा- पुजारी की मौत के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहमंत्री रहते दबंगों के पेट्रोल बम ने आज एक और पुजारी की बलि ले ली. देवगढ़-भीम के पुजारी नवरत्न लाल की मौत पर राज्य की जनता की बद्दुआएं कांग्रेस सरकार को जनता के जनाक्रोश की अग्नि में झुलसाने तक पीछा करेंगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि आज एक पुजारी की जान नहीं गई है बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार ने दम तोड़ा है. पुजारी नवरत्न लाल की मौत पर राज्य की जनता की बद्दुआएं कांग्रेस सरकार को जनता के आक्रोश की अग्नि में झुलसाने तक पीछा करेंगी.
सरकार और कानून व्यवस्था ने दम तोड़ा: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि शांतिपूर्ण राजस्थान अब अपराधों की राजधानी हो गया है. एक बार नहीं अनेक बार सदन और सड़क पर यह बात सामने आ रही है कि प्रदेश में अपराधियों ने अपना ठीकाना बना लिया है. पूनिया ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके समर्थकों को बुरा लग सकता है, लेकिन यह गलत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि साढ़े आठ लाख दर्ज मुकदमे इसका उदाहरण पेश करते हैं. नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि किस तरह से हर दिन 17 बलात्कार और 7 हत्याएं महिलाओं की हो रही हैं. अब सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुजारियों की हत्या राजस्थान में अपराधियों के लिए एक खेल सा हो गया. साधु-संतों को आत्मदाह को मजबूर होना पड़ रहा है या माफिया के शिकार हो रहे हैं.
पूनिया ने कहा कि आज पुजारी ने अपना जीवन नहीं छोड़ा है बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था और सरकार ने दम तोड़ा है. ऐसा लगता है कि राजस्थान पुलिस और सरकार का इकबाल भी खत्म हो गया है. यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही लेकिन प्रदेश के 8 करोड़ नागरिकों को उद्वेलित भी करती है. अब पानी सर से ऊपर जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह मंत्री भी हैं, घटना की नैतिक जिम्मेदारी लें और पड़ छोड़ दें. 2023 में आने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस की सरकार को करारा जवाब देती है.
सीआईडी सीबी से करवाई जाए पूरे मामले की जांच...
इस मामले को लेकर प्रजापत समाज के अध्यक्ष प्रकाश प्रजापत ने कहा कि जिस तरह आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है.इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए मृतक के परिवार जनों ने 21 सूत्रीय मांग सरकार को दी है.जिसमें मृतक परिवार के दो लोगों को सरकारी नौकरी के साथ 50 लाख रुपए देने की मांग की गई है. वहीं इस मामले में जिन लोगों का भी नाम सामने आ रहा है. उन्हें गिरफ्तार करने की भी मांग की गई है. इस पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाने को लेकर सरकार से गुहार लगाई गई है. वहीं पुजारी दंपती की जमीन को वापस दिलाने के साथ पूरे परिवार के सुरक्षा की मांग की गई है.