टोंक. शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखने वाले अमीर अहमद सुमन की कोरोना से मौत हो गई. उन्होंने लंबे समय तक टोंक की कोठी नातमाम राजकीय स्कूल में अपनी सेवाएं दी और उसके बाद भी सामाजिक सरोकार से जुड़े रहे वह रोटरी क्लब से जुड़कर समाज सेवा में अपना योगदान दिया था.
अमीर अहमद सुमन पिछले कुछ दिनों से वह कोरोना पॉजिटिव थे और सआदत अस्पताल में इलाज ले रहे थे. उनके देहांत से टोंक में शोक की लहर छा गई. शनिवार को सुबह जैसे ही अमीर अहमद सुमन के निधन की खबर आई, चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई. कई संगठनों और समाजसेवियों ने उनको शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह एक जिंदादिल और मिलनसार इंसान थे. उन्होंने अपने जीवन काल में एकता भाईचारे की मिसाल पेश की. वहीं कलंदर समाज को शिक्षा से जोड़ने का भी सफल प्रयास किया.
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अमीर अहमद सुमन ने कुछ दिन पहले अपने मित्र को बताया था कि वह एक मीटिंग में गए थे. उसके बाद उनको गर्म-सर्द के कारण वायरल हो गया, ऑक्सीजन स्तर नीचे आने की वजह से पिछले एक हफ्ते से वह सआदत अस्पताल में भर्ती थे.
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बता दें कि 72 वर्षीय सुमन ने कई पुस्तकें लिखी और वह वर्तमान में टोंक के इतिहास और यहां की कई ऐतिहासिक गतिविधियों को लेकर एक पुस्तक लिख रहे थे. उन्होंने बताया था कि उस पुस्तक के 700-800 पेज वह लिख चुके हैं. जानकारों को जहां उस पुस्तक का इंतजार था लेकिन इंतजार के बीच ही वो दुनिया से रुखसत हो गए. 2009 में वह डाईट से रिटायर्ड हुए थे. 1993 में शिक्षक दिवस पर राज्यपाल की ओर से सम्मान भी दिया गया था.