टोंक. भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी की थी. जौनपुरिया ने पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि भले ही वो राज्य में भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा हकीकत यह है कि उनके विधानसभा क्षेत्र टोंक में ही सबसे अधिक भ्रष्टाचार हो रहा है. शुक्रवार को उनके इस बयानबाजी के विरोध में जिला मुख्यालय स्थित हेमू कालानी सर्किल पर कांग्रेस समर्थित गुर्जर समाज के युवाओं और नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके बयान को गैरवाजिब करार दिया.
साथ ही टोंक सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को प्रदर्शनकारियों ने सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपनी सियासत चमकाने के लिए सचिन पायलट का नाम नहीं लेना चाहिए. पायलट देश के नेता हैं और वो आम लोगों के लिए सियासत करते हैं. ऐसे में भाजपा सांसद को उनको लेकर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए.
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दरअसल, गुरुवार को सांसद जौनापुरिया ने सचिन पायलट पर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि पायलट ने गुर्जर समाज के लिए कुछ भी नहीं किया है. ऐसे में उन्हें सबसे पहले टोंक की जनता की फिक्र करनी चाहिए, क्योंकि टोंक में हालात बद से बदतर बहो गए हैं. भाजपा सांसद यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने पायलट के अनशन को लेकर भी बयानबाजी की थी. साथ ही उन्हें सलाह दी थी कि वो जोधपुरिया जाकर हवन करें, क्योंकि पायलट को भगवान देवनारायण ही अब बचा सकते हैं.
वहीं, भाजपा सांसद ने कांग्रेस संगठन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भूमिका का महिमा मंडन करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को आड़े हाथ लिया था. साथ ही टोंक के दो अन्य कांग्रेसी विधायक हरीश मीणा और प्रशांत बैरवा के अवैध खनन में लिप्त होने का आरोप लगाया था. इसी क्रम में सांसद जौनपुरिया ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जयपुर में पायलट के धरने पर प्रतिक्रिया दिया और कहा कि पायलट के विधानसभा में आयुक्त एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ी गई थी. जिस पर किसी का ध्यान नहीं है. खैर, उन्हें तो अपने विधानसभा की समस्याओं के बारे में भी पता नहीं होता है.