टोंक. जिले में गुरूवार की रात पुलिस और गौरक्षकों की सतर्कता से पुलिस ने जब झिराना के पास एक 22 चक्का ट्रक की तलाशी ली तो उसमें भरे हुए 34 गौवंश की आहट मिली. लेकिन रात में अंधेरे का फायदा उठाकर ट्रक चालक और खलासी भाग गए.
तस्करी वाहन के साथ रेकी कर रही बोलेरो जीप से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गौवंश को निवाई की गौशाला ले जाकर छोड़ा गया है. पुलिस अब पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है.
निवाई थाना डिप्टी अंजुम कायल ने बताया, कि पीपलू थाना को सूचना मिली थी, कि एक गौवंश से भरा ट्रक झिराना रोड से होते हुए मालपुरा की ओर जा रहा है. जिस पर पीपलू थाना और झिराना चौकी पुलिस ने नाकाबंदी की.
सूचना पर निवाई डिप्टी अंजुम कायल भी मौके पर पहुंचे. पुलिस की नाकाबंदी देखकर ट्रक चालक ट्रक को छोड़कर मौके से फरार हो गया. ट्रक की तलाशी लेने पर 34 गौवंश पाए गए. इस दौरान ट्रक की रेकी कर रही एक बोलेरो भी पकड़ी गई. बोलेरो में सवार तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 34 गौवंश को आशाराम गोशाला में छुड़वाया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
पढ़ें- टोंक: तहसीलदार के मुकदमा दर्ज कराने का विरोध, वकीलों ने काम का बहिष्कार किया
गौवंश की तस्करी और मॉबलीचिंग की घटनाएं चिंता का विषय है. पर राजस्थान में बेखौफ गौतस्कर लागातार गौतस्करी के जरिए मोटा पैसा कमाते है. वहीं, जब भी गौवंश पकड़ा जाता है तो उसके बाद उसे रखने की परेशानी आती है. गौशाला संचालकों के सामने भी कई समस्याएं आती है. एक तो जो जानवर आते है उनकी हालत ठीक नहीं होती है दूसरा जानवरों में संक्रमण फैलने का भी खतरा बना रहता है.