देवली (टोंक). न्यू पेंशन स्कीम एम्पलॉइज फैडरेशन ऑफ राजस्थान ब्लॉक देवली के बैनर तले पेंशन स्कीम कर्मचारियों अधिकारियों ने कैंडल मार्च निकाला. कर्मचारियों ने राजस्थान के 5 लाख सरकारी 2 लाख अर्धसरकारी कार्मिकों की पेंशन छीने जाने की बरसी पर एनएसपी योजना की विफलता पर हल्ला बोला (Halla Bol in Deoli).
ब्लॉक संयोजक खेमराज चौधरी ने बताया कि संगठन के प्रांतव्यापी आह्वान पर हल्ला बोल आंदोलन के तीसरे चरण में देवली उपखंड के ममता सर्किल पर कैंडल मार्च निकाला गया. द्वारका प्रसाद प्रजापत ने बताया कि यदि एनपीएस बुढ़ापे में वास्तव में सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होती है. सशस्त्र सेनाओं के साथ माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों सहित राजनेताओं पर भी नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होती (protest against NPS in Deoli). पंकज जैन ने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996 लागू करने तक यह संघर्ष जारी रहेगा.
परशुराम जाट ने बताया कि हमारे अर्धसैनिक बलों और आईएएस अधिकारियों पर भी नो पेंशन सिस्टम लागू है. उनके सेवा नियम उन्हें सार्वजनिक रूप से आंदोलन करने की अनुमति नहीं देते हैं. इसलिए उनके हिस्से का संघर्ष भी फेडरेशन कर रहा है. सचिन चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट अपने विभिन्न फैसलों में पेंशन को मानवाधिकार अधिकार माना है. मोना जैन ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो प्रदेश के कर्मचारी चुनावों में सत्ताधारी राजनैतिक दलों को सबक सिखाने का निर्णय ले चुके हैं.
अनिल गौतम ने बताया कि जिसे एनपीएस कहते हैं, वह पेंशन योजना न होकर म्यूच्यूअल फंड निवेश योजना है. जो शेयर बाजार आधारित होने के कारण पूरी तरह से असुरक्षित योजना है और सरकारी कर्मचारियों के धन से कार्पोरेट ऐश कर रहे हैं.