टोंक. जिले के उनियारा स्थित गलवा बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने को लेकर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई. जिसमें संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक और देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा की मौजूदगी में किसानाें की जिला व बांध प्रशासन के अधिकारियों के बीच करीब एक घंटा तक खीचमतान बैठक में निर्णय लिया गया कि 16 नवंबर से किसानों को बांध से सिंचाई के लिए 25 दिन तक नहरों में 327 एमटीएफसी पानी दिया जाएगा.
इससे बांध से करीब 36 गांवों की 13 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी. उन्होंने गलवा बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की बात कहते हुए नहरों की सफाई सहित मरम्म्त कार्य जल्द से जल्द निपटाने और बांध 107 किलोमीटर लंबी है. मुख्य केनाल में दिए जाने वाले पानी को लेकर सही मॉनिटरिंग करने के लिए जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया. बांध में 4 फुट पानी रिजर्व रखा जाएगा, जो बांध के बनने के बाद पहले 7 फुट जाता था. जिसे कम कर 2017 कर दिया गया था, लेकिन इस बार मानसून की बेरुखी के बाद किसानों की मांग पर 4 फुट रिजर्व रखा गया, जो बांध बनने के बाद सबसे कम हैं.
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वहीं देवली-उनियारा विधायक हरीश मीणा ने कहा कि आमजन की मांग को लेकर उन्हें अगर आंदोलन की करना पड़े तो वह उससे पीछ़े नही हटेंगे. जैसे गलवा के किसानों के लिए प्रशासन के सामने बात रखी हैं. वैसे ही बीसलपुर बांध से पानी दिलाने को लेकर बात रखी जाएगी.
इस बार मानसून के बेरुखी के कारण बांध के अधिकारी पहले 185 एमटीएफसी पानी महज 13 दिन तक देना चाहते हैं. इस पर किसानों ने बार-बार प्रशासन को इसे बढ़ाने की मांग की. 1960 में सिंचाई के लिए उनियारा में बनवाए गए गलवा बांध से मानूसनी के बैरुखी के बावजूद कल्पतरु पावर प्लांट को ज्यादा पानी दिए जाने पर बैठक में ऐतराज जताते हुए कलेक्टर चैंबर में संभागीय आयुक्त की मौजूदगी में स्थानीय विधायक हरीश मीणा, किसान नेता रामेश्वर प्रसाद सहित बांध समिति के पदाधिकारियों ने मजबूती से किसानों का अपना पक्ष रखते हुए राज से उम्मीद लगाते हुए मांग की उन्हे पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जाए.