टोंक. राज्य के कई जिलों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध है, जिसके पानी से राजधानी जयपुर सहित कई जिलों की जनता की प्यास बुझाती है पर टोंक की जनता आज भी प्यासी है. अब आप समझ गए होंगे कि जिला मुख्यालय होने के बावजूद नवाबी नगरी टोंक में ही पेयजल की सप्लाई में इतनी जटिलता है तो ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल सप्लाई किस तरह होती होगी, जिला मुख्यालय के कई क्षेत्रों में पानी नहीं आने से लोग परेशान तो है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है, और जनता हैंड पंपों का खारा पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रही है.
वहीं दूसरी ओर आजादी के कई सालों बाद आज भी जिले के कई हिस्सों में पीने योग्य पानी का लोगों को इंतजार है, आज से कई साल पहले जिले में बीसलपुर बांध बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि क्षेत्र के लोगों को पीने योग्य पानी मिल पाये लेकिन बांध बनने के बाद जैसे ही बनास नदी सूखने लगी बनास नदी में अवैध दोहन के रूप में शुरू हो गया खिलवाड़ और यही खिलवाड़ नदी में मौजूद अधिकतर मीठे पानी के कुओं को लील गया.
जिला मुख्यालय पर आए दिन पानी को लेकर धरना प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन जिला मुख्यालय की जनता की सुनने वाला कोई भी नहीं है, जनता कहती है कि वोट मांगने के समय तो आ जाते हैं और जीतने के बाद लौटकर ही नहीं आते. अब जिला मुख्यालय की जनता जाए तो किसके पास जाए, जनता की सुनने वाला कोई नजर ही नहीं आता.