टोंक. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर कांग्रेस में और बीजेपी की ओर से हो रही बयानबाजी के बीच खुद पायलट ने टोंक में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि राहुल गांधी जैसे नेता ने मेरे धैर्य को इतना एप्रीशिएट किया, इसको राइट स्पिरिट में लेना चाहिए. पायलट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के इस बयान को किसी को भी अनावश्यक रूप से नहीं लेना चाहिए. वहीं, इशारों-इशारों में पलटवार करते हुए कहा कि सीएम गहलोत ने मेरे बारे बहुत कुछ कहा है, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया.
इस दौरान गहलोत सरकार गिराने को लेकर सीएम गहलोत और उसके बाद मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal Support CM Statement) के बयान पर पायलट ने कहा कि आज से पहले भी मुख्यमंत्री ने मेरे बारे में नाकारा, निकम्मा जैसी बातें कही थीं, लेकिन वो बोल देते हैं तो मैं अदरवाइज नहीं लेता. अशोक गहलोत बुजुर्ग हैं, अनुभवी और पिता तुल्य हैं (cm is Oldman, don't take otherwise).
बता दें, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूर्व डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर हमले के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि सीएम गहलोत ने कुछ भी गलत नहीं कहा है. हमने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट के आपस में (Dhariwal Big Statement) मिले होने को देखा है. दोनों सरकार गिराने में मिले हुए थे. इस बयान को लेकर भाजपा लगातार गहलोत सरकार निशाना साध रही है. वहीं, अब सचिन पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा (Pilot on Gehlot) कि मेरे धैर्य की तारीफ राहुल गांधी कर चुके हैं. इसके बाद अब कहने के लिए कुछ बचा नहीं है.
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राजस्थान में सियासी बयानबाजी चरम पर : राजस्थान में एक बार फिर साल 2020 में हुई सियासी उठापटक (Rajasthan Political Crisis) पर सियासी बयानबाजी का दौर चरम पर है. जब से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक सभा में सचिन पायलट की चूक शब्द का इस्तेमाल किया, उसके बाद से राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है. एक ओर जहां महाराष्ट्र में सरकार का भविष्य क्या होगा, इसे लेकर चर्चा चल रही है, तो वहीं दूसरी ओर राजस्थान में साल 2020 में हुई सियासी उठापटक पर सियासी बयानबाजी का भी दौर चरम पर है.
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बता दें कि बीते शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर बोलते हुए 2 साल में पहली बार सचिन पायलट के सरकार गिराने में शामिल होने की बात कही तो वहीं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री ने सही कहा है और हमने तो देखा भी है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल को लेकर सचिन पायलट या उनके कैंप के किसी विधायक ने सीधा कमेंट तो नहीं किया है, लेकिन पायलट कैंप के विधायक इंद्राज गुर्जर ने एक ट्वीट किया है.
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विधायक इंद्राज गुर्जर ने ट्वीट किया कि- 'जमीन पर बैठा हुआ आदमी कभी नहीं गिरता फिक्र उनको है जो हवा में है.' इंद्राज गुर्जर के ट्वीट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, हर बार सचिन पायलट का पक्ष लेने वाले आचार्य प्रमोद ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर रीट्वीट करते हुए लिखा है कि- 'विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है.'
अपनी ही सरकार पर सवालिया निशान : पायलट ने अपनी ही सरकार पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि हमारी सरकार सत्ता में होते हुए भी हम जोधपुर से चुनाव हार गए. ये हमारी बड़ी चूक थी. उन्होंने कहा कि अगर गजेंद्र सिंह शेखावत लोकसभा चुनाव हार जाते तो मंत्री भी नहीं बन पाते. इसके साथ ही पायलट ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस बार चूक नहीं होगी और हमारी पार्टी शेखावत को चुनाव हराएगी. पायलट ने कहा कि कांग्रेस की सरकार कई राज्यों में रिपीट हुई है. प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में हम लोग ही बीजेपी को सत्ता से दूर रखने का काम करेंगे.