सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). जिले के सूरतगढ़ में सीसीआई की ओर से नरमा-कपास की तुलाई का पैसा ना देने और तुलाइ धर्मकांटे से करवाने के विरोध में नई धानमंडी के श्रमिकों की बुधवार को तीसरे दिन भी हड़ताल रही. धानका मजदूर यूनियन के सदस्यों ने 2 घंटे तक मंडी का गेट बंद कर एडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार और सीसीआई के आदेशों के खिलाफ रोष जताया. इसके साथ ही श्रमिकों ने कॉटन फैक्ट्रियों में आने वाली नरमा की ट्रालियों को भी रोक दिया. इससे पहले श्रमिक यूनियन अध्यक्ष गोपीराम दगल के नेतृत्व में श्रमिक मंडी के 1 नंबर शैड में एकत्रित हुए.
यहां से नारेबाजी करते हुए 10 बजे मंडी के मुख्य गेट पहुंच धरना लगाया.श्रमिकों ने गेट को बंद कर जिंस लेकर आने वाले वाहनों को प्रवेश नहीं दिया. दोपहर 12 बजे सिटी पुलिस और कृषि उपजमंडी समिति अधिकारी गेट पर पहुंच श्रमिकों को समझाईश कर गेट खुलवाया. इसके बाद श्रमिक केंद्र सरकार और सीसीआई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एडीएम दफ्तर पहुंच प्रदर्शन कर एडीएम के नाम एसडीएम के निजी सचिव रजनीश सहारण को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया.
पढ़ें- 11 महीने से नहीं मिला वेतन, विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिक आंदोलन की राह पर
श्रमिकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार गरीबों के हितों पर कुठाराघात कर रही है. लंबे समय से श्रमिकों को नरमा-कपास की तुलाई का सीसीआई द्वारा भुगतान किया जा रहा था. साथ ही श्रमिक ही कंडी तिरपाई से फसल तोलते आ रहे थे, लेकिन सरकार ने अचानक श्रमिकों को तुलाइ के पैसे न देने और फसल धर्मकांटे से तुलाने के आदेश जारी कर दिए है. ये आदेश मजदूर विरोधी है, इससे मजदूरों का परिवार पालना मुश्किल हो जाएगा. ज्ञापन में प्रशासन से मांग की है मजदूरों का बंद किया पैसा दिलवाया जाए, साथ ही तुलाई श्रमिकों से ही करवाई जाए.
इस बीच अध्यक्ष दगल और श्रमिकों ने धरनास्थल पर निर्णय लिया कि जब तक उनकों तुलाई का पैसा नहीं मिलता वे हड़ताल पर रहेंगे और मंडी में कामकाज नहीं होने देंगे. यूनियन के कालूराम नागर, उजालाराम, राजू पंजाबी, बलवंत, विजय डाबला और जगदीश खन्ना सहित अन्य श्रमिक मौजूद रहे.