श्रीगंगानगर/हनुमानगढ़. हिमाचल और पंजाब में भारी बारिश के बाद घग्घर नदी में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी और एसपी परिस देशमुख ने बुधवार को सूरतगढ़, जैतसर, श्रीविजयनगर और अनूपगढ़ में घग्घर बहाव क्षेत्र का दौरा किया. वहीं, हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर ने बाढ़ की आशंका के चलते सभी कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं.
श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर और एसपी ने सूरतगढ़ में रंगमहल पहुंचकर घग्घर क्षेत्र का अवलोकन किया. अनुमान है कि घग्घर में 30 हजार क्यूसेक पानी आ सकता है. जबकि घग्घर नदी की क्षमता 15 हजार क्यूसेक है. इस दौरान जिला कलेक्टर ने जीएफसी सहित स्थानीय अधिकारियों को घग्घर में जल स्तर बढ़ने पर आवश्यक बचाव और राहत कार्यों के साथ-साथ आमजन की सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. सिविल डिफेंस के साथ-साथ नगर पालिका सहित सभी विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश देते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि घग्घर बहाव क्षेत्र में बाढ़ के पानी में रूकावट डालने वाले बंधों को तत्काल हटाने की कार्रवाई की जाए. मौके पर एडीएम सूरतगढ़ अरविंद जाखड़, एसडीएम संदीप काकड़ व विक्की नागपाल सहित अन्य मौजूद रहे.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि अवैध बंधों को हटाने के साथ-साथ भगवानसर पुल की मजबूती सुनिश्चित की जाए. इसके पश्चात एसडीएम काकड़ ने अधिकारियों की बैठक लेकर बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की. सूरतगढ़ के बाद जिला कलक्टर और एसपी ने जैतसर में चेतक पॉइंट का अवलोकन किया. यहां श्री विजयनगर एसडीएम भारती फ़ूलफकर से अब तक की गई तैयारियों की जानकारी लेते हुए जिला कलेक्टर ने बचाव और राहत कार्य पूर्ण रखने के निर्देश दिए. यहां से जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने श्रीविजयनगर और अनूपगढ़ में घग्घर बहाव क्षेत्र का अवलोकन किया.
पूर्व जल संसाधन मंत्री ने दिए सुझावः पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में तेज बारिश के चलते हमेशा की तरह हनुमानगढ़ में पानी छोड़ा गया है जोकि घग्घर नाली हनुमानगढ़ में पहुंच गया है. पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉ रामप्रताप ने घग्घर में भारी मात्रा में पानी आने की संभावनाओं को देखते हुए मौके का निरक्षण किया व प्रशासन को सजग रहने की बात कही. इससे एक दिन पूर्व जिला कलक्टर रुक्मणि रियार से मिलकर पूर्व मंत्री ने घग्घर बहाव क्षेत्र की तकनीकी खामियों से उन्हें अवगत करवाया था.
पूर्व मंत्री ने कहा कि घग्घर बहाव क्षेत्र में बंधे बेहद कमजोर हैं. ऐसे में ज्यों ही सूचना मिली फौरन बहाव क्षेत्र के छोटे बांधों को मजबूत करने की कार्रवाई शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन प्रशासन ने अब तक ऐसा कोई प्रयास नहीं किया. पूर्व मंत्री के मुताबिक, घग्घर नदी की वजह से हनुमानगढ़ दो भागों में बंटा है. साल 1995 में शहर बाढ़ की विभीषिका झेल चुका है. ऐसे में लापरवाही का बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है. इसलिए प्रशासन को तत्परता दिखानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि चूंकि 15 वर्षों से ज्यादा पानी नहीं आया, इसलिए बंधों की मजबूती की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया. इस वक्त सबसे अधिक जरूरत बांधों की मजबूती है. आसपास के किसानों ने छोटे बांधों को भी संकरा कर दिया है. कई जगह ऐसी हैं, जहां पांच-पांच बीघा क्षेत्र से घग्घर नदी बहती थी. आज महज एक बीघा जगह बची है. पूर्व मंत्री ने जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के नाजुक समय में सबको अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश करनी चाहिए. भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे सरकारी कार्यक्रमों में मेहमाननवाजी करवाने के बजाय आम आदमी की तकलीफों में शरीक हों और जनप्रतिनिधि होने का धर्म निभाएं.
नगरपरिषद ने करवाई मुन्यादीः पानी की अधिक आवक को देखते हुए नगरपरिषद ने टाउन व जंक्शन में बाढ़ आने की चेतावनी देते हुए शहर में मुन्यादी करवाकर निचली बस्तियों के निवासियों को ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है. इसमें हनुमानगढ़ टाउन की बरकत कॉलोनी, बिहारी बस्ती, मुखर्जी कॉलोनी, पंजाबी मोहल्ला, अंबेडकर कॉलोनी, भभूता सिद्ध कॉलोनी एंव हनुमानगढ़ जंक्शन का बाजार क्षेत्र, निचली बस्तियों बिहारी बस्ती, भट्टा कॉलोनी, एसडीएम कॉलोनी, सिंचाई कॉलोनी, शिव मंदिर सिनेमा के पीछे के क्षेत्र में चेतावनी जारी करते हुए इन क्षेत्रों के निवासियों को प्रशासन द्वारा चिन्हित ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है.
बाढ़ की संभावना को देखते हुए कर्मचारियां के अवकाश निरस्तः वहीं इस मामले में जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार ने बताया कि घग्घर नदी में अत्यधिक पानी की आवक के मद्देनजर जिले के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों के राजकीय व आकस्मिक अवकाश तुरन्त प्रभाव से निरस्त किये गए हैं. साथ ही निर्देश दिए है कि समस्त अधिकारी और कर्मचारी अपने मोबाइल नम्बर रनिंग स्थिति में रखे और बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें.